अधूरी सड़क पर पूरा टोल! दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में गडकरी को घेरा, कहा - ये जनता के साथ अन्याय

Friday, Dec 19, 2025-06:34 PM (IST)

भोपाल। मध्य प्रदेश की बदहाल सड़कों का मुद्दा अब संसद की चौखट तक पहुंच गया है। बैतूल–भोपाल नेशनल हाईवे (NH-46) पर अधूरे निर्माण के बावजूद टोल वसूली को लेकर कांग्रेस सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से सीधे सवाल करते हुए कहा कि अधूरी और जर्जर सड़क पर टोल वसूलना जनता के साथ खुला अन्याय है। उन्होंने याद दिलाया कि मंत्री स्वयं बैतूल आकर सड़क की बदहाली देख चुके हैं और अधिकारियों को फटकार भी लगा चुके हैं, इसके बावजूद टोल वसूली आज तक बंद नहीं हुई।

कुंडी टोल प्लाजा बना आक्रोश का केंद्र

शाहपुर के पास स्थित कुंडी टोल प्लाजा इस विवाद का मुख्य केंद्र बन गया है। बैतूल से इटारसी तक हाईवे के कई हिस्सों में गहरे गड्ढे, अधूरा डामरीकरण और लगातार चलता निर्माण कार्य यात्रियों की जान पर भारी पड़ रहा है। भौंरा के पास सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है, जहां तेज रफ्तार वाहन कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं।

8 साल बीते, फोरलेन अब भी अधूरा

करीब 995 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली बैतूल–औबेदुल्लागंज फोरलेन सड़क का काम वर्ष 2017 में शुरू हुआ था। हैरानी की बात यह है कि 8 साल बीतने के बाद भी सड़क पूरी नहीं हो सकी। ठेके की समयसीमा 2023 में खत्म हो चुकी है, लेकिन निर्माण कंपनी को अब तक तीन बार एक्सटेंशन दिया जा चुका है।

बरेठा घाट क्षेत्र आज भी सिंगल लेन है और मामला हाईकोर्ट में लंबित है। भौंरा से इटारसी तक जगह-जगह 5 फीट तक गहरे गड्ढे हादसों को न्योता दे रहे हैं।

7 महीने से जारी टोल वसूली, जनता नाराज

स्थानीय लोगों का आरोप है कि हाईवे पर न तो पर्याप्त साइन बोर्ड हैं, न स्ट्रीट लाइट और न ही सर्विस रोड की व्यवस्था। शाहपुर, भौंरा और पाढर जैसे इलाकों में अंधेरे के कारण दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ गया है।

बावजूद इसके, 21 मई 2025 से इस मार्ग पर टोल वसूली शुरू कर दी गई, जिससे आम यात्रियों में भारी आक्रोश है।

नीति बदलने की उठी मांग

सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब तक सड़क पूरी तरह मानक गुणवत्ता के अनुरूप तैयार नहीं होती, तब तक टोल वसूली पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। राज्यसभा में मामला उठने के बाद अब नजरें केंद्र सरकार पर टिकी हैं कि क्या अधूरी सड़कों पर टोल वसूली को लेकर कोई सख्त और स्पष्ट नीति बनाई जाएगी या नहीं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Himansh sharma

Related News