"सैयां भये कोतवाल, अब डर काहे का" शासकीय कर्मचारी खेतों में दे रहे शासकीय बोर का पानी

Wednesday, Apr 23, 2025-01:27 PM (IST)

राजनांदगांव (देवेंद्र गोरेल) : राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विधानसभा से 5 किलो मीटर दूर ग्राम भोथली में शासकीय बोर पर मशीन लगाकर खेतों में सिंचाई का मामला प्रकाश में आया है, जबकि इतनी भीषण गर्मी में आम आदमी पीने के पानी के लिए तरस रहा है। इतनी भीषण गर्मी में जमीन का जल स्तर काफ़ी नीचे जा चुका है।

पूरा मामला डोंगरगढ़ विधानसभा से 5 किलोमीटर दूर ग्राम भोथली में एक किसान अपने घर के सामने शासकीय हैंड पंप में अपनी निजी मशीन लगाकर खेतों में सिंचाई करते आ रहा था। मौके पर जाने में पता चला कि इस हैंडपंप में पी एच ई विभाग के अधिकारी के संरक्षण में पी एच ई विभाग के ही कर्मचारी ने किसान को ये सुविधा मुहैया करवाई है।

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"सैयां भये कोतवाल, अब डर काहे का", आखिर अधिकारी इतना मेहरबान क्यों ?

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कई बार इसकी शिकायत शासकीय स्तर पर हो चुका है। अधिकारी कर्मचारी शिकायत पर किसान को खाना पूर्ति के लिए मौखिक चेतावनी देकर चले जाते हैं लेकिन किसान के ऊपर कोई  कार्यवाही नहीं करते हैं। इसे क्या समझा जाए लोग इतनी भीषण गर्मी में पानी के लिए भटक रहे है। ऊपर से ये अधिकारी सिर्फ अपनी जेब गर्म करने में लगे हैं हालांकि इसकी हम पुष्टि नहीं करते हैं लेकिन गांव में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

शासकीय बोर में मशीन लगाने वाले कर्मचारी पहले तो कहते हैं कि पानी खराब होने के कारण मशीन लगाकर पानी की सफाई कर रहे हैं लेकिन ये कैसी सफ़ाई हैं जो महीनों मशीन फिट कर व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाया जा रहा है। बिना किसी झिझक के कर्मचारी मोबाइल में यह भी बताते हैं कि अधिकारी के कहने पर खाली इसी गांव में नहीं बल्कि आसपास के बहुत से गांवों में ये लोग शासकीय बोर में मशीन लगाकर दिए हैं। जबकि जिला कलेक्टर घटते जल स्तर को देखते हुए धान की फसल को ना लगाने की अपील करते हैं और खेतों में या घरों में बोर खनन करने पर पूर्णतः प्रतिबंध करते है। दूसरी ओर विभागीय अधिकारी कलेक्टर के आदेश को नज़र अंदाज करते नज़र आते हैं। पीएचई कार्यालय जाने पर पता लगता हैं कि साहब फील्ड में हैं। ये कैसा दौरा है कि अधिकारी से जब भी किसी विषय में जानकारी लेना चाहते हैं, तो अपने मुख्यालय से नदारत रहते हैं जिसे फ़ील्ड में दौरा के नाम से कार्यालय में कर्मचारियों द्वारा जानकारी दी जाती है। साहब फील्ड में हैं तो फ़ील्ड में ऐसे अपराध कैसा कि शासकीय हैंड पंप में निजी पंप कनेक्शन मिल रहा है। फ़ील्ड में रहने वाले अधिकारी के नाक के नीचे ऐसे काम होना संदेहात्मक लगता है या तो अधिकारी फ़ील्ड में नहीं रहते अगर फील्ड में अधिकारी हैं तो उनकी शह में व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाया जा रहा है। अधिकारी के शह में नहीं होता तो अधिकारी फ़ील्ड पर ही नहीं रहते और मुख्यालय से गायब अपने घरों में बैठकर अपना काम निपटाने में लगे हैं, ये पूरा मामला प्रश्नवाचक चिह्न सा बना नज़र आता हैं।

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इस विषय को लेकर डोंगरगढ़ एसडीएम मनोज मरकाम ने कहा कि मुझे यह जानकारी आप लोगों के माध्यम से पता चल रही है। जांच कर उचित कार्यवाही करेंगे। देखना यह है कि प्रशासनिक तंत्र में बैठे अधिकारी क्या जांच करते हैं और क्या कार्यवाही करते हैं या खाली खाना पूर्ति कर मामले को दबा देते हैं। क्योंकि यह जनमानस से जुड़ा गंभीर मामला है।


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Content Writer

meena

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