एंबुलेंस की राह देखते देखते घर पर हो गई डिलीवरी, फिर नवजात शिशु और मां को लेकर बैलगाड़ी पर लेकर निकले परिजन

Monday, Jul 21, 2025-07:42 PM (IST)

गुना (मिस्बाह नूर) : कहते हैं नाम में बहुत कुछ होता है। उसी से विशेषण पता चलता है। लेकिन गुना जिले में सड़कविहीन गांवों की बदहाली एक बार फिर सामने आई है, जहां दूर-दराज के गांवों में लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। मामला बमोरी ब्लॉक के मोहनपुर खुर्द पंचायत के नजदीक स्थित डामरा चक गांव का है। जहां एक महिला और उसके नवजात शिशु को गंभीर हालत में बैलगाड़ी में रखकर 2 से 3 किलोमीटर दूर तक लाना पड़ा, ताकि उन्हें एंबुलेंस मिल सके। बदहाल सड़क की वजह से जब एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंच सकी तो महिला ने घर पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।

PunjabKesari

दरअसल, 108 एंबुलेंस चालक सुरेंद्र धाकड़ को ऊमरी उप स्वास्थ्य केंद्र से डामरा चक गांव से एक महिला को लाने का पॉइंट मिला था। लेकिन, उनकी एंबुलेंस मोहनपुर खुर्द से कुछ ही अंदर जाकर फंस गई। धाकड़ ने बताया कि गांव की ओर जाने वाली पुलिया टूटी हुई है और रास्ता इतना उबड़-खाबड़ है कि एंबुलेंस आगे नहीं जा सकी। इसी दौरान, मिल्खा बाई ने घर पर ही शिशु को जन्म दे दिया। नवजात शिशु की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने बिना देर किए, बैलगाड़ी का सहारा लिया। वे महिला और उसके नवजात शिशु को बैलगाड़ी में बिठाकर मोहनपुर खुर्द तक लेकर आए, जहां एंबुलेंस इंतजार कर रही थी। इसके बाद, जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस से ऊमरी उप स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

ग्रामीणों ने बताया कि उनके क्षेत्र में सड़क नहीं है और वे करीब 40 साल से इस समस्या से जूझ रहे हैं। इतने लंबे समय के बावजूद प्रशासन ने उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई हैं। गांव तक कोई वाहन आने की सुविधा न होने के कारण, प्रसूता को आपात स्थिति में भी बैलगाड़ी से ही लाना पड़ा। कुल मिलाकर इस मामले ने प्रशासन की अनदेखी और ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को उजागर कर दिया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

meena

Related News