Holi Special: वन विभाग कर्मियों की अनोखी पहल, जंगली फूल-पत्तियों से बनाए हर्बल गुलाल
3/9/2020 11:21:05 AM
ग्वालियर: होली यानी रंग, गुलाल, और खिले खिले चेहरे। लेकिन आजकल के रंगों में इतने केमिकल पाए जाते हैं कि इससे स्किन को कई तरह की समस्याएं हो सकती है। ऐसी ही बहुत सारी समस्याओं के हल के लिए ग्वालियर वन विभाग ने एक अनोखा प्रयोग करते हुए जंगलों में पाई जाने वाली फूल पत्तियों से हर्बल युक्त रंग व गुलाल बनाए हैं। जो आम इंसान की त्वचा के लिए नुकसानदायक नहीं है। जिससे अब आम नागरिक बिना अपनी स्किन को खराब किए होली खेल सकते हैं। इन रंगों में पलाश व अन्य जड़ी बूटियों वाले कलर को बनाने के दौरान किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। अब बिना किसी डर से रंगों से खेलने के शौकीन होली खेल सकते हैं।
पूरी तरह से जंगली फूल पत्तियों से बने रंगों को लेकर विभाग का कहना है कि ये कलर पूर्णतः शुद्ध प्राकृतिक तत्वों से बने है जो त्वचा के अनुकूल है। हर्बल कलर भी ऐसे जिसमें हर रंग बिखरे हुए हैं जैसे पलाश के फूलों से बने लाल, पीले, हरे, नीला और सफेद किसी भी रंग के गुलाल को आप वन विभाग के केंद्र से हासिल कर सकते हैं। रंगों से होली खेले और वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट के डर से।
डीएफओ अभिनव पल्लव ने कहा कि जिन लोगों को अपनी त्वचा से प्यार है और वे अपने किसी अजीज को गुलाल या रंग लगा कर होली की शुभकामनाएं देना चाहते हैं, उनको भी इन हर्बल गुलाल और रंगों का विकल्प मिल गया है। लेकिन ग्राहकों की भी यह चाहत है कि वन विभाग ने अपने दफ्तर के बाहर संजीवनी केंद्र पर तो इन रंगो की बिक्री का केंद्र बनाया है। अगर शहर के अन्य जगह पर इस तरह के कलर या गुलाल बेचने के आउटलेट खोले जाएं तो इसका ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिल सकेगा।
वहीं इन हर्बल रंगों को लेकर ग्राहक शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि केमिकल वाले रंग और गुलाल अब लोगों की पसंद नहीं रहे हैं। ऐसे में हर्बल कलर व गुलाल वाले उत्पादों मिलने वे भी सरकारी एजेंसी के आउटलेट से मिलने पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। क्योंकि इन परंपरागत पलाश के फूलों, जंगली हर्बल पौधों के पत्तों से बने रंग पाकर होली के शौकीन होली खेलने के प्रति उत्सुक दिखाई दे रहे हैं।