इस IPS ऑफिसर ने फेसबुक पर बयां की अपनी लव स्टोरी, अमित सिंह के शब्दों में पढ़िए उनके दिल के राज

6/6/2020 4:34:59 PM

जबलपुर(विवेक तिवारी): एक कुशल अफसर के संघर्ष की कहानियों को सब जानना चाहते हैं। वो समाज के साथ उन सब के लिए भी रोल मॉडल बन जाते हैं, जो उनको देख-देख के आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे ही अफसर इन दिनों अपनी लेखनी से बेहद चर्चित है। वो जब से राइटर के रूप में आये हैं, तब से उनकी सोशल मीडिया में फैंस फॉलोइंग और भी बढ़ गई है। हम जिस अफसर की यहां बात कर रहे हैं वो अफसर 2009 बैच के आईपीएस ऑफिसर अमित सिंह है। जो इन दिनों भोपाल में पुलिस हेडक्वार्टर में एआईजी एडमिन है, वे इन दिनों मध्यप्रदेश के सब से चर्चित आईपीएस ऑफिसर बने हुए हैं। वे अपने अब तक के सफर को बेबाक तरीके से कलम के माध्यम से सब के सामने ला रहे हैं।

PunjabKesari

अब उन्होंने इलाहाबाद विश्विद्यालय के फेसबुक ग्रुप में अपने अब तक के सफर को जिस अंदाज में शब्दों में बयां किया उसको लोग बेहद पसंद कर रहे हैं और उस पर जमकर कमेंट भी आ रहे है, अमित सिंह ने अपनी पूरी कहानी में अपने प्रेम विवाह के भी रोचक किस्से सामने लाए जिसको लोग बेहद पसंद कर रहे हैं आगे हम उन्ही के शब्दों में आपको पढ़ा रहे हैं आईपीएस ऑफिसर अमित सिंह ने क्या कहानी लिखी खुद अपनी

PunjabKesari

अमित सिंह की कलम से जानिए उनकी कहानी
मैं पक्का प्रतापगढ़ी हूं, जिस पर पूर्णतया इलाहाबादी मुलम्मा चढा हुआ है। स्वभावतः आले दर्जे का  जिद्दी हूं और मेरे इस ज़िद को अपना विवेक दिया इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान ने। इन दोनों के बल पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मैंने कई सौगातें पाईं। यहां पर मैं वर्ष 1996 में कला स्नातक करने आया। एक बार यहां आया कि इस शहर की रूमानियत ने मुझे पूरी तरीके से बांध सा लिया और पूरे 14 वर्ष रगड़ -रगड़ कर मेरे अंदर के व्यक्तित्व को पूरी तरीके से निखार दिया। इस शहर में कई लोगों ने मुझे कई बार कई तरीके की गणितों का शिकार बनाया ,आज उसी का परिणाम है सभी तरीके की गणितों का सामना करने में मैं पूरी तरीके से सक्षम हूं।

PunjabKesari

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र जितने भी सपने लेकर आते हैं उनमें से अधिकांश सपनों को पूरा करने का अवसर इस विश्वविद्यालय ने मुझे दिया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय अपनी छात्र राजनीति के लिए जाना जाता है। ऐसे में बरबस मेरा भी मन इस ओर खिंचा चला गय। वर्ष 2003 में मैं विश्वविद्यालय छात्र संघ का एक निर्वाचित सदस्य बना। इस दौरान मेरे द्वारा छात्र संघ को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का केंद्र बिंदु बनाने का प्रयास किया गया। छात्र राजनीति के साथ-साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय अपने उच्च कोटि के शोध के लिए विश्व विख्यात है। ऐसे में यूजीसी जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इस दिशा में भी मैंने कदम बढ़ाया। लगभग 5 वर्ष इलाहाबाद विश्वविद्यालय की मध्यकालीन आधुनिक इतिहास विभाग में अध्यापन का कार्य किया।

PunjabKesari

शायद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन करना मेरा पहला प्यार है किंतु मैं यह भी जानता था कि मुझे किसी भी कीमत पर विश्वविद्यालय में यह कार्य करने को नहीं मिलेगा चाहे मैं कितना भी योग्य क्यों ना हूं। विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य मे लगे 5 वर्ष मेरे जीवन के सबसे अनमोल वर्ष हैं। मैंने बड़ी शिद्दत से अध्यापन कार्य किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश ले और सिविल सेवा के बारे में न सोचे ऐसा कैसे हो सकता था। संघ लोक सेवा आयोग को फतह करना इस विश्वविद्यालय के छात्रों का जन्मसिद्ध अधिकार है। मैं भी इससे नहीं बच सका। वर्ष 2009 को मैंने यह परीक्षा उत्तीर्ण की और मुझे भारतीय पुलिस सेवा का मध्य प्रदेश काडर आवंटित हुआ। पिछले 11 वर्षों से मैं मध्य प्रदेश मे भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के तौर पर काम कर रहा हूं। मैंने टीकमगढ़, खरगोन, रतलाम और 2 बार जबलपुर पुलिस अधीक्षक के तौर पर कार्य किया। वर्तमान में पुलिस मुख्यालय भोपाल में प्रशासन शाखा में पदस्थ हूं।

PunjabKesari

अंतिम बात जो हर इलाहाबादी की इच्छा होती है कि उसकी होने वाली जीवनसंगिनी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास( डब्ल्यू एच) से हो। यहां भी मैंने सफलता प्राप्त की और अपना ससुराल यही बनाया। सच कहूं तो इस शहर ने मुझे उन सारी चीजों से नवाजा जिसकी मैंने इच्छा की थी। इस शहर से मुझे ढेर सारी मोहब्बतें है। अपने व्यस्ततम समय में जब भी समय मिलता है, इस शहर से प्यार करने चला आता हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय जिंदाबाद!


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

meena

Recommended News

Related News