बस पॉलिटिक्स पर कमलनाथ का शिवराज पर वार, बोले- झूठ बोलिए लेकिन मज़दूरों के नाम पर मजाक मत करिए

Wednesday, May 20, 2020-04:04 PM (IST)

भोपाल(इजहार हसन खान): यूपी में बसों को लेकर शुरु हुई पॉलिटिक्स अब मध्य प्रदेश में पहुंच गई है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज चौहान द्वारा प्रिंयका गांधी को दी गई चुनौती को लेकर हमला किया है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान के उन सभी दावों को झूठा ठहराया है जो उन्होंने मजदूरों को लेकर किए हैं। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि शिवराज जी, ख़ूब झूठ बोलिए लेकिन मज़दूरों के नाम पर कम से कम इतना बड़ा मज़ाक़ तो मत करिये।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह प्रियंका गांधी को चुनौती दी है कि मध्यप्रदेश की व्यवस्था देखिये, यहां की धरती पर कोई भी मज़दूर आपको भूखा, प्यासा व पैदल चलता हुआ नहीं दिखेगा, हमने कारगर इंतज़ाम किये है। इतना बड़ा झूठ व मज़दूरों के नाम पर ऐसा मज़ाक़, शर्म करिये? यह सही है कि आप इन मज़दूरों की अभी तक सुध लेने गए नहीं है तो आपको सच्चाई पता भी कैसे चले ? प्रदेश के सभी प्रमुख मार्ग व सीमाएं हज़ारों मज़दूरों से भरे पड़े हुए है, कोई पैदल, कोई नंगे पैर , पैरो में छाले लिये, कोई ठेले पर, कोई साईकल पर, कोई ऑटो से, कोई अन्य मालवाहक वाहन से अपने घर को लौट रहा है।
 


प्रदेश की धरती पर कई घर लौटते ये बेबस-लाचार मज़दूर दुर्घटना का शिकार होकर मौत के मुंह में जा चुके हैं। भूख -प्यास -गर्मी से दम तोड़ चुके है। कई गर्भवती बहनें सड़कों पर अपने बच्चों को जन्म दे चुकी है। इसकी तस्वीरें प्रतिदिन प्रदेश की जनता खुली आंखो से देख रही है, इनकी मौत के आंकड़ें सामने है लेकिन शायद आपकी आंखो पर पट्टी बंधी हुई है। इसलिए आपको यह तस्वीरें व सच्चाई दिखाई नहीं दे पा रही है? प्रदेश की जनता, कई सामाजिक व कई स्वयंसेवी संगठन, कांग्रेसजन इन मज़दूरों को मार्गों पर खाना खिला रहे है, जूते चप्पल पहना रहे हैं, पानी पिला रहे हैं, घरों तक छोड़ रहे हैं, सरकार की कोई व्यवस्था इन मज़दूरों के लिए नहीं है। उलटा भोजन मांगने पर प्रदेश की धरती पर इन मज़दूरों पर बर्बर तरीक़े से लाठियां तक बरसाई गई और आप इतना बड़ा झूठ बोल रहे हैं कि प्रदेश में कोई मज़दूर भूखा, प्यासा व पैदल चलता हुआ आपको नहीं दिखेगा ?

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कमलनाथ ने कहा कि मैंने शिवराज सिंह को पूर्व में कहा था और आज फिर दोहरा रहा हूं कि आप आइये मेरे साथ प्रदेश के मार्गों पर , सीमाओं पर इन मज़दूरों की वास्तविक स्थिति व व्यथा देखने चलिए , फिर यह सफ़ेद झूठ बोलने का आप साहस नहीं दिखा पायेंगे। जहां तक आप मज़दूरों को वापस लाने के व बसों के जो आंकड़े बता रहे हैं , उसकी सच्चाई भी सभी जानते है। प्रदेश में बसों के नाम पर हो रहा फ़र्ज़ीवाडा भी सभी के सामने आ चुका है। दावे जितने किये जा रहे है , ज़मीनी हक़ीक़त आज भी उससे उलट है। आपकी कथनी और करनी में अंतर प्रदेश की जनता साफ़ देख चुकी है व मज़दूर भाई भी इसे कभी भूलेगा नहीं। 

 

 


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meena

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