कमलनाथ का BJP पर हमला, ''किसानों की समस्या छोड़ उपचुनाव जीतने की तैयारी में लगे हैं CM शिवराज''
5/24/2020 4:48:59 PM
भोपाल (इजहार हसन खान): पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर किसानों को लेकर सीएम शिवराज पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री और मंत्री सिर्फ़ बैठकों में और उपचुनाव जीतने की रणनीति में लगे हुए हैं। किसी को उपार्जन केन्द्र जाकर किसानों की परेशानी देखने व सुनने का समय नहीं। इसके कारण किसान अपने गेहूं को व्यापारियों को सस्ते दाम पर बेचने को मजबूर हो रहा है। किसान घाटे में और व्यापारी फ़ायदे में , भाजपा सरकार आते ही यह खेल फिर शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री और मंत्री सिर्फ़ बैठकों में और उपचुनाव जीतने की रणनीति में लगे हुए है।किसी को उपार्जन केन्द्र जाकर किसानो की परेशानी देखने व सुनने का समय नहीं।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 24, 2020
3/3
हमने सरकार से पूर्व में भी माँग की थी कि किसानो की इस समस्या का निदान किया जावे और तिवड़ा मिले चने को भी ख़रीदा जावे लेकिन सरकार इस मामले में उदासीन बनी हुई है और जानबूझकर किसानो को परेशान कर उनकी उपज को बाहर व्यापारियों को सस्ता बेचने पर उन्हें मजबूर किया जा रहा है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 24, 2020
2/2
कमलनाथ ने आगे लिखा है कि ‘प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं ख़रीदी के विभिन्न केंद्रो पर अव्यवस्थाओं से, बारदान की कमी होने से, परिवहन ना होने से, तुलाई की व्यवस्था नहीं होने से किसान भाई परेशान हो रहे हैं। उन्हें चार-चार दिन तक लाइनों में लगना पड़ रहा है। कोई ज़िम्मेदार उनकी सुनने वाला नहीं है। हमने सरकार से पूर्व में भी मांग की थी कि किसानों की इस समस्या का निदान किया जावे और तिवड़ा मिले चने को भी ख़रीदा जावे। लेकिन सरकार इस मामले में उदासीन बनी हुई है और जानबूझकर किसानों को परेशान कर उनकी उपज को बाहर व्यापारियों को सस्ता बेचने पर उन्हें मजबूर किया जा रहा है’।
प्रदेश के उद्योग वास्तविक खपत पर बिजली बिल की माँग कर लॉकडाउन की अवधि में फ़िक्स चार्ज से लेकर विभिन्न अन्य चार्जों में छूट की माँग कर रहे है , कर्मचारी महंगाई भत्ता माँग रहा है , एरियर माँग रहा है ,
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 24, 2020
2/3
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि ‘प्रदेश भर से शिकायत मिल रही है कि समर्थन मूल्य पर चना बेचने जा रहे किसानो को जमकर परेशान किया जा रहा है। कहीं चने को अमानक बताकर, कहीं तिवड़ा मिला हुआ बताकर ख़रीदी से इंकार किया जा रहा है। किसान मजबूर होकर अपना चना सस्ते में व्यापारियो को बेच रहा है। पालक लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फ़ीस में छूट की मांग कर रहे है लेकिन तत्परता से फ़ैसला लॉकडाउन में बंद रही शराब की दुकानों को वार्षिक शुल्क में छूट का लिया गया? शिवराज सरकार की प्राथमिकता प्रदेश की जनता खुली आंखो से देख रही है। प्रदेश के उद्योग वास्तविक खपत पर बिजली बिल की मांग कर लॉकडाउन की अवधि में फ़िक्स चार्ज से लेकर विभिन्न अन्य चार्जों में छूट की मांग कर रहे हैं, कर्मचारी महंगाई भत्ता मांग रहा है, एरियर मांग रहा है, प्रदेश का आमजन इस महामारी में पानी व बिजली बिल में छूट मांग रहा है , किसान रियायत मांग रहा है, उसकी उपज का वाजिब दाम मांग रहा है, ग़रीब व मज़दूर राहत पैकेज मांग रहा है’