खरगोन: ऐतिहासिक सिद्धिविनायक मंदिर में अमर्यादित पहनावे पर लगा प्रतिबंध, 5000 वर्ष पुराने मंदिर में दर्शन मात्र से होती है मनोकामना पूर्ण
Thursday, Sep 21, 2023-04:11 PM (IST)

खरगोन (अशोक गुप्ता): मध्यप्रदेश के खरगोन में स्थित प्राचीन श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में ड्रेस कोड लागू किया गया है। मंदिर समिति द्वारा मंदिर में प्रवेश को लेकर कड़े नियम बनाएं है। जिनका पालन यहां आने वाले हर भक्त को करना अनिवार्य है। अब मंदिर में दर्शन करने के लिए आधे अधूरे कपड़े पहनने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। नियमों का पालन न करने वालों को दर्शन करने दिए जाएंगे।
मंदिर में नहीं मिलेगा प्रवेश
मंदिर समिति के संचालक कैलाश महाजन एवं पुजारी महेश भट्ट बताते है कि गणेश उत्सव के दौरान दूर दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में अपने आराध्य देव के दर्शन और पूजन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में मंदिर समिति द्वारा मंदिर में भगवान श्रीगणेश के दर्शन करने आने वाले सभी महिला एवं पुरुष भक्तों के लिए उनके द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों को लेकर यह नियम बनाएं गए हैं। इस नियम के मुताबिक मंदिर में अमर्यादित कपड़े पहनकर आने वाली महिला एवं पुरुष भक्तों को मंदिर में प्रवेश की मनाही है। साथ ही इन नियमों का पालन नहीं करने वाले भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है। मंदिर के बाहर से ही उन्हें दर्शन करना पड़ेगा। मंदिर समिति ने आग्रह किया है कि जो भी भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए मर्यादित वस्त्र जैसे साड़ी, पेंट शर्ट पहनकर ही आवें।
इन कपड़ों पर लगा प्रतिबंध
दरअसल, कुंदा नदी के तट पर स्थित सिद्धिविनायक मंदिर के मुख्य गेट के पास ही एक नोटिस बोर्ड लगाया गया है। जिसपर मंदिर में प्रवेश करने वाले भक्तों के अमर्यादित पहनावे को लेकर मंदिर समिति द्वारा जो नियम और कानून बनाएं है, वह लिखे गए है, जिसके मुताबिक मंदिर में कोई भी महिला या पुरुष अमर्यादित वस्त्र पहनकर प्रवेश नहीं कर सकते। इन वस्त्रों में हॉफ पेंट, बरमुंडा, स्कर्ट, नाइट शूट, कटी - फटी जींस इत्यादि जैसे कपड़े शामिल है।
10 दिन होंगे ये आयोजन
मंदिर समिति के अध्यक्ष कैलाश महाजन ने बताया कि लगभग 500 वर्ष पुराने श्री सिद्धि विनायक गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्थी तक मंदिर में कई आयोजन होंगे। उत्सव को लेकर मंदिर को आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया है। भगवान का रोजाना श्रंगार किया जाएगा। इन दस दिनों में विशेष पूजन, अभिषेक, महाआरती सहित महा प्रसादी का वितरण होगा। भक्तों के आने जाने के लिए भी अलग अलग मार्ग बनाएं गए हैं।