कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने शिवराज पर साधा निशाना, बोले-आंकड़ों को लेकर ''महाझूठ'' बोल रही BJP सरकार

5/12/2020 2:30:15 PM

इंदौर: मध्य प्रदेश में कोरोना और मजदूरों के लाने के आंकड़ों को लेकर प्रदेश में राजनीति गर्माने लगी है। कांग्रेस के कद्दावर नेता केके मिश्रा ने शिवराज सरकार पर आंकड़ों में हेर-फेर करने और सही आंकड़े जारी न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को लेकर भी शिवराज सरकार सही जानकारी नहीं दे रही है। केके मिश्रा ने कहा कि शिवराज सरकार में आईएएस अधिकारी जरूरतमंद लोगों के फोन तक नहीं उठा रहे हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आंकड़ों को लेकर सरकार महाझूठ बोल रही है।

वहीं कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि 1.90 लाख मजदूरों का लाने का आंकड़ा पूरी तरह से झूठा है। सरकार आधारहीन, अविश्वस्त आंकड़े परोसकर "महाझूठ" बोल रही है. उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश के जवाबदार आईएएस जमात प्रवासी नागरिकों के फोन उठाने को तैयार नहीं हैं, वहां लाचार मजदूरों की समस्या समझी जा सकती है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या कोई बताएगा कि इन मजदूरों को लाने में कितने, कौन-कौन से वाहन लगे, लॉकडाउन का पालन करते हुए उन्हें कैसे बैठाया गया, उनके भोजन, नाश्ते की व्यवस्था किसने, कहां की, कितनों को क्वारेन्टाइन किया गया और किन्हें छोड़ा गया?

साथ ही कांग्रेस नेता ने शिवराजनीत बीजेपी सरकार से सवाल किया कि सरकारी खातों में बिल इत्यादि लगाकर पैसा निकालने के लिए यह आंकड़े उचित प्रतीत हो सकते हैं। "ईश्वर की आंखें यह सब देख रही हैं।" अगर यह दावा सतही तौर पर पूरा हो गया होता तो आज पूरे प्रदेश की प्रवेश सीमाओं से भूखे, प्यासे, छाले पड़ चुके, नंगे पैरों से अपनी पत्नी, बच्चों के साथ भारी धूप में सैकड़ों-हजारों कि.मी. से लोग अपने घरों को जाते न दिखते।

कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा कि औरंगाबाद रेल दुर्घटना, नरसिंहपुर ट्रक दुर्घटना, मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र बुधनीआदि में कुल मिलाकर 2 दर्जन से अधिक मज़दूरों की मौत हो गई। सोमवार को ही इंदौर में लॉकडाउन की वजह से अपने घर न जा पा रहे एक छात्र ने तनाव में फांसी लगा ली है। इसका जिम्मेदार कौन है, इस सवाल का जवाब कौन देगा?

मिश्रा ने कहा कि शिवराज जी असफलता के अवैध स्मारक को बचाने के लिए जिस तरह कोरोना संक्रमितों और इससे हो रही मौतों को लेकर भी वास्तविक तथ्यों को छुपाया जा रहा है, कम से कम इस मानवीय त्रासदी में तो गरीब, गरीबी, इंसान और इंसानियत से खिलवाड़ बंद कीजिए।


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Edited By

Jagdev Singh

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