छिंदवाड़ा में समय पर इलाज न मिलने से तेंदुए की मौत,वन विभाग की टीम ने किया अंतिम संस्कार
Monday, Dec 09, 2024-07:00 PM (IST)
छिंदवाड़ा। (साहुल सिंह): वन और वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए सरकार करोडों रुपए खर्च करती है, लेकिन जिम्मेदार विभाग के रवैये के चलते आए दिन वन्यप्राणियों की मौत और अवैध कटाई के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। एक ऐसा ही मामला दक्षिण वन मंडल के अंतर्गत सौसर रेंज से सामने आया है, जहां घायल तेंदुए को समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार सौसर रेंज के ग्राम हिवरा खण्डेरायवार में शनिवार शाम वन विभाग को सूचना दी गई कि प्रभाकर शेंडे के खेत से लगे नाले के पास शाम 4 बजे एक तेंदुआ बीमार अवस्था मे बैठा हुआ है। कुछ देर में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो तेंदुआ अर्धमूर्छित अवस्था मे लेटा हुआ था। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा इसकी सूचना सबसे पहले पेंच नेशनल पार्क वन्यप्राणी रेस्क्यू टीम को दी गई ।
लेकिन किसी कारण के चलते टीम के न आने के कारण उसके उपरांत इसकी सूचना सतपुड़ा रिजर्व पार्क टीम को दी गई लेकिन मौके पर रेस्क्यू टीम आने में 5 से 6 घण्टेका समय लग गया। रेस्क्यू टीम के लेट पहुंचने के बाद तेंदुए का इलाज शुरू किया गया। लेकिन इस दौरान जब तक तेंदुआ अपनी हिम्मत हार चुका था। और समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण जिंदगी की जंग लड़ते हुए शनिवार की देर रात तेंदुआ की मौत हो गई। रविवार को सुबह वन विभाग अमले ने तेंदुए का अंतिम संस्कार किया। वन विभाग का कहना है अब पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिरकार तेंदुए की मौत की असली वजह क्या है। वहीं अधिकारी इस पूरे मामले की जांच में जुट गए हैं।
उठ रहे सवाल..
जंगल और जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए वन विभाग सुरक्षा के कई दावे करता है लेकिन यह दावे ज़मीनी हकीकत से कोसों दूर नजर आते है। आए दिन अवैध कटाई के साथ हर वर्ष वन्यप्राणियों की मौत के आंकड़ों में इजाफा हो है। कुछ माह पूर्व ही सौसर में सड़क हादसे में तेंदुए की मौत हो गई थी। तो बीते साल चौरई रेंज में दो बाघों की मौत के बाद भी वन विभाग वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नही उठा रहा है। इससे आप अंदाजा लगा सकते है वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने निष्ठवान हैं।