MP के सबसे बड़़े सरकारी अस्पताल में बड़ी लापरवाही, मर्चुरी में बदले शव, कुछ यूं खुला राज

7/14/2020 5:44:49 PM

इंदौर (सचिन बहरानी): इंदौर के अस्पताल के मर्चुरी में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां पर शव की अदला बदली हो गई। किसी और का शव किसी और के परिजनों को दे दिया गया। वहीं अन्य परिजन ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया।

क्या है पूरा मामला

एमवाई मर्चुरी में रविवार रात दो शव पोस्टमार्टम के लाए गए थे। दोनों की उम्र 26 साल थी और दोनों का नाम भी आकाश था। इनमें से सोनकच्छ के रहने वाले आकाश की मौत एसिड पीने की वजह से हुई थी, जिसका इलाज पिछले एक हफ्ते से एम वाय अस्पताल में चल रहा था। वही इंदौर के कनाडिया के रहने वाले आकाश की मौत करंट लगने से हुई थी। दोनों के ही परिजनों को सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव मिलने थे। लेकिन सोनकच्छ के रहने वाले आकाश का शव इंदौर के कनाडिया के रहने वाले परिजनों को सौंप दिया गया और उन्होंने बिना देखे शव ले जाकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। वहीं जब सोनकच्छ के रहने वाले आकाश के परिजन उसका शव लेने के लिए आए और जब उन्होंने शव रखने वाले कवर को खोलकर देखा तो उसमें किसी और का ही शव था। जिसके बाद उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत संबंधित जांच अधिकारी को की। शिकायत के बाद पुलिस अधिकारी ने उनको जो जवाब दिया उससे वह काफी आक्रोशित हो गए। पुलिस अधिकारी ने कहा कि अब वे दूसरे का शव ले जाकर उसे अपना बेटा मान कर जला ले या तो फिर जहां उनके बेटे को जलाया गया है वहां से उसकी राख उठाकर उसका क्रिया कर्म करवा ले। इस पर परिवार वाले काफी आक्रोशित हुए और अपने बेटे का ही शव ले जाने की जिद पर अड़े रहे जो कि असंभव था। ऐसे में पुलिस ने कनाडिया के रहने वाले आकाश के परिजनों को बुलाया। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम के बाद परिजनों से माफी मांगते हुए कहा कि घटनाक्रम जो हुआ है यह काफी बड़ी भूल है और ऐसे में वह अब उनके बेटे की राख पूरे सम्मान और व्यवस्थित तरीके से उन्हें सौंप देंगे। सोनकच्छ के रहने वाले परिवार ने इस बात को माना कि वो कनाडिया के मुक्तिधाम से अपने बेटे की राख लेकर उसका क्रिया कर्म करेंगे। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप एमवाई प्रबंधन पर लगाया है। क्योंकि सीएमओ के हस्ताक्षर बिना एमवाई मर्चूरी में शव नहीं सौंपा जाता और ना ही पोस्टमार्टम होता है। ऐसे समय में जब परिजन अपने बेटे का अंतिम संस्कार करना चाहते थे लेकिन अब अस्पताल की लापरवाही से उनके बेटे की सिर्फ राख उनके हाथ लगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vikas kumar

Recommended News

Related News