सरगुजा में किसान के बैंक खाते से पैसे गायब, धान समिति प्रबंधक और बैंक मैनेजर पर धांधली का आरोप

3/5/2022 5:06:24 PM

जय प्रकाश एक्का (अम्बिकापुर): सरगुजा जिले के सीतापुर क्षेत्र के किसानों के खाते से रुपये निकालने का मामला सामने आया है। धान समिति प्रबंधक और बैंक मैनेजर पर पहले भी किसानों के खातों से रुपये गबन करने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। 

किसान के खाते से पैसे गायब

सरगुजा के सीतापुर विकास खंड के ग्राम चियापारा के रहने वाले किसान ने एक साल पहले अपने खाते से धान बेचा था। वहीं सरकार ने धान की राशि किसान के खाते में एक लाख 91 हजार पैंसठ रुपए डाली। जिसके बाद किसान रुपये निकालने गया तो बैंक ने उसे 49,000 रूपये दिए। लेकिन जब किसान कुछ महीनों बाद दोबारा बैंक में रुपये निकालने गया तो किसान के खाते में पैसे नहीं थे। किसान शिकायत लेकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मैनेजर के पास गया लेकिन मैनेजर ने किसानों को किसी भी जानकारी देने से मना कर दिया। जिसके बाद किसान ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई। 

किसान के साथ हेराफेरी की बात कंप्यूटर ऑपरेटर ने स्वीकारी 

एक मामले में किसान की ओर से इस साल 400 से ज्यादा धान की बोरी का टोकन कटवाया था। लेकिन प्रतापगढ़ धान समिति के प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर की मिलीभगत से किसान 200 बोरी धान ही बेच सका और बचे धान को किसान से लेने से मना कर दिया गया। जिसके बाद धान समिति प्रबंधक ने 203 बोरी धान को इसे किसान के खाते में खपा दिया। वहीं इस गड़बड़ी को कंप्यूटर ऑपरेटर ने खुद स्वीकार किया है। 

मैनेजर का गोलमोल जवाब 

इधर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मैनेजर ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि किसान के पास पासबुक है। तो किसान के द्वारा ही रुपये निकाले गए होंगे। मैनेजर ने कहा जो भी किसानों को स्टेंटमेंट की जरुरत होती है, तो उसे दिया जाता है। वही भीड़भाड़ होने की वजह से भी किसानो के पासबुक का इंट्री नहीं हो पाती है। 

पुलिस में मामला दर्ज 

इधर कलेक्टर को शिकायत मिलने के बाद सीतापुर थाना पुलिस ने रुपये को लेकर हेराफेरी करने वाले धान समिति प्रबंधक और बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। जिसके बाद अपराध दर्ज करने के बात पुलिस कह रही है। बहरहाल सरगुजा जिले में किसानों से सहकारी समितियों के द्वारा हेराफेरी का नया मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के मामलों में किसानों के लाखों रुपये गबन हुए हैं। कई बार तो बैंक मैनेजर समेत धान समिति प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है और ऐसे मामलों की जांच की जा रही है। 

 


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News Editor

Devendra Singh

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