MP के इस गांव में नहीं है कोई श्मशान घाट, दाह-संस्कार के लिए 2 गज जमीन भी नसीब नहीं

9/12/2019 5:33:04 PM

अशोकनगर (भारतेंद्र सिंह बैस): प्रदेश में कई ऐसी सरकारें आई जो सिर्फ विकास के ढोल पीट कर चली गईं। लेकिन जिला अशोकनगर के एक गांव के हालात आज भी जस के तस हैं। यहां पर विकास तो छोड़िए श्मशान घाट ही नहीं है। यहां अंतिम यात्रा भी मजबूरियां भरी है जबकि यह मध्यप्रदेश की नव- निर्मित तहसील बनाई गई है। हम बात कर रहे हैं बहादुरपुर की, जहां के  बरखेड़ा जमाल गांव में शव के दाह संस्कार भी खुले में कराना पड़ता है। 

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जिले के राजमार्ग 346 पर बसे बंगला चौराहा कस्बे समेत करखेड़ा जमाल गांव में श्मशान की व्यवस्था नहीं है। कस्बे में जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसे कोंचा नदी के किनारे स्थित एक निजी भूमि में दाह संस्कार के लिए ले जाना पड़ता है। यहां भी दाह संस्कार के लिए टीन शेड की व्यवस्था नहीं होने के कारण खुले मैदान में ही दाह संस्कार करना पड़ता है। करीला मार्ग पर बने इस अस्थाई मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए शवयात्रा को दो किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ता है। वहां पहुंचने वाले रास्ते की भी हालत खराब है। रास्ते में जगह-जगह बने गड्ढों में कीचड़ भर जाता है। बहादुरपुर में जैन समाज के एक युवक की अंतिम यात्रा के दौरान इस मुक्तिधाम के हालात बहुत शर्मनाक दिखाई दिए।

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इस अस्थाई मुक्तिधाम के चारों ओर गाजर घास और गंदगी पसरी हुई है। जिससे यहां आने वाले ग्रामीणों को अंतिम संस्कार करने के पहले सफाई की व्यवस्था करनी पड़ती है। इस संबंध में गांवों के रहवासी कई बार शासन प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन के अधिकारी की भी मानवीय संवेदनायें नहीं जागी हैं। पंचायत के सचिव अशोक यादव के मुताबिक मुक्तिधाम के लिए मनरेगा से राशि भी आवंटित हो चुकी है। लेकिन भूमि के विवाद के चलते मुक्तिधाम का निर्माण नहीं कराया जा सका है।


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Vikas kumar

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