नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में फेंकी नियमों की किताब ! कांग्रेस ने की निलंबन की मांग, भारी हंगामे के बाद सदन 13 मार्च तक स्थगित

3/3/2023 8:02:21 PM

भोपाल (विवान तिवारी) : मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही पक्ष और विपक्ष के हंगामे के बीच 13 मार्च के लिए स्थगित कर दी गई। आज सदन की कार्यवाही के शुरुआत में ही नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि हमारे पार्टी के विधायक जीतू पटवारी को निकाला है। सरकार सवालों के जवाब नहीं दे रही जहां भी सरकार भ्रष्टाचार के आरोप में फंसती है अध्यक्ष महोदय वहीं सरकार का बचाव करते नजर आते हैं। इसलिए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। नेता प्रतिपक्ष ने मांग की कि सारे कामकाज छोड़कर स्पीकर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाए। इसी बीच उनकी मांग पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नियमों का हवाला देते हुए नियम की किताब ही उनकी ओर उछाल दी।

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इस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और नरोत्तम मिश्रा को निलंबित करने की मांग की। वहीं सज्जन सिंह वर्मा ने उसी किताब के पन्ने फाड़कर स्पीकर के सामने बैठे सचिवालय के कर्मचारियों की ओर फेंक दिए। इस पर जबरदस्त हंगामा हुआ। हंगामे के बीच ही कार्यसूची में शामिल सरकारी कामकाज पूरा कर विधानसभा अध्यक्ष गिरिश गौतम ने विधानसभा की कार्यवाही 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।

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3 मार्च को शुरु हुई सदन की कार्यवाही में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि सारे कामकाज छोड़कर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, उनको आसंदी छोड़कर किसी और को आसंदी पर बैठाकर कार्यवाही आगे बढ़ानी चाहिए। इसी बीच नरोत्तम मिश्रा नियमों का हवाला दिया और कहा कि सारे सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है लेकिन सब नियमानुसार होना चाहिए। इस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा शुरु कर दिया। इस पर नरोत्तम मिश्रा ने जिस किताब से नियमों का हवाला दे रहे थे, उसे ही सदन में उछाल दिया। इस पर विपक्ष ने उनको सदन से निलंबित करने की  मांग की। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 1 घंटे के लिए स्थगित हो गई और प्रश्नकाल भी न हो सका। ब्रेक के बाद सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस विधायक गर्भगृह में पहुंचे और नारेबाजी शुरु कर दी। नारेबाजी के बीच ही सज्जन सिंह वर्मा ने कुछ और विधायकों के साथ किताब के पन्ने फाड़कर स्पीकर के सामने बैठे कार्यवाही का विवरण लिखने वाले सचिवालय के कर्मचारियों की टेबल पर फेंक दिए। नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस ने निंदा प्रस्ताव भी लाया। इस अविश्वास प्रस्ताव में 48 विधायकों के दस्तखत थे। लेकिन कमलनाथ का नाम शामिल नहीं था।

 


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meena

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