अब कांग्रेस के आगे बंद होगी विपक्ष की आवाज़, जानिए कैसे

1/4/2019 5:08:12 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद पंद्रहवीं विधानसभा का पहला सत्र 7 जनवरी से शुरू होगा। विधायकों को मर्यादा में रहने के लिए सरकार इस बार कुछ सख्त कदम उठाने वाली है। राज्य सरकार ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसके अनुसार अगर विधानसभा कार्रवाई में विधायकों ने बाधा डाली, तो उनको मिलने वाले भत्ते पर रोक लगा दी जाएगी। इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ को संसदीय विभाग की ओर से एक प्रस्ताव भेज दिया गया है। जल्द ही इस संबंध में एक बिल भी विधानसभा में पेश किया जाएगा।

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कांग्रेस ने इसका जिक्र अपने 'वचन पत्र' में भी किया था। अगर कांग्रेस सरकार में आती है तो, वह विधानसभा कार्रवाई में बाधा डालने वाले विधायकों का भत्ता रोकने के लिए एक बिल लेकर आएगी। अपने वचन को पूरा करने के लिए कांग्रेस एक विधेयक विधानसभा में लेकर आएगी। जिससे विधायकों के वेतन और भत्तों में संशोधन किया जा सके। वर्तमान में विधानसभा कार्यवाही के दौरान विधायकों को प्रतिदिन 1500 रुपय का भत्ता दिया जाता है।


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सरकार का यह फैसला विपक्ष के विधायकों पर कार्रवाई के दौरान दबाव बनाने के लिए लिया गया है। विपक्ष में रहते हुए अब बीजेपी के विधायक सरकार के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं। इस बार विपक्ष मजबूत स्थिति में है। बीजेपी के पास 109 विधायकों का समर्थन है। जबकि कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। भाजपा सरकार के दौरान, विधायकों के वेतन और भत्ते से संबंधित अधिनियम में एक संशोधन किया गया था और यह प्रावधान किया गया था कि विधायकों को सदन में उनकी उपस्थिति होने पर दैनिक भत्ते का भुगतान किया जाएगा।

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सदन की कार्रवाई बाधित करने के लिए विधायकों को भत्ता नहीं देने का प्रावधान पहली बार सामने आया है। हालांकि, भाजपा विधायक का आरोप है कि सरकार ऐसा विधेयक इसलिए लाना चाहती है ताकि विपक्ष की आवाज को खामोश किया जा सके। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि जनता के खिलाफ लिया गया कोई भी सरकार का फैसला हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। कांग्रेस कभी भी हमारी आवाज खामोश नहीं कर सकती।

 


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suman

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