आरक्षण पर सरकार के रुख से आहत ओबीसी महासभा! कहा- भाजपा हमेशा रोड़ा बनीं, हमें महज वोट बैंक समझा

Thursday, Jul 10, 2025-08:12 PM (IST)

गुना (मिस्बाह नूर) : ओबीसी महासभा ने गुरुवार को आरक्षण में 27 प्रतिशत आरक्षण और नौकरियों में ओबीसी वर्ग के 13 प्रतिशत होल्ड छात्रों को नियुक्ति देने की मांग को लेकर उग्र आंदोलन किया। इस दौरान कलेक्ट्रेट में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लगाए गए बेरीकेट्स को देखकर ओबीसी छात्र भड़क गए, जिसके बाद जिला प्रशासन को बेरीकेट्स हटवाना पड़े। छात्रों ने प्रशासन की कार्रवाई को लेकर तंज कसते हुए कहा कि अगर सत्ताधारी दल कोई प्रदर्शन करता है तो तत्काल बेरीकेट्स हटा दिए जाते हैं। वहीं ओबीसी वर्ग के छात्रों को प्रदर्शन करने के दौरान बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं।

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बता दें कि हाल ही में जबलपुर हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद ओबीसी वर्ग को आरक्षण और नियुक्ति का मामला अधर में लटका गया है। इसके चलते ओबीसी वर्ग में भाजपा और मोहन सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश फूट रहा है। इसी संबंध में गुरुवार को ओबीसी महासभा के बैनर तले युवा और छात्रों ने शहर में रैली निकाली थी। यह रैली जैसे ही कलेक्ट्रेट पहुंचे तो बीच रास्ते में पुलिस की ओर से बेरीकेट्स लगा दिए। जिसे देखकर छात्र नाराज हो गए। छात्र और युवाओं का आक्रोश देखकर एक पुलिसकर्मी को स्वयं आकर बेरीकेट्स हटाना पड़ गए।

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इसके बाद ओबीसी महासभा के सदस्य कलेक्ट्रेट के मुख्य प्रांगण में पहुंचे। जहां पिछड़ा वर्ग के तमाम समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मोहन यादव, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में आरोप लगाया कि ओबीसी वर्ग को आजादी के 75 वर्ष बाद भी उनकी आबादी के अनुपात में अधिकार नहीं दिए गए हैं। इस वर्ग को महज वोट बैंक का माध्यम समझा गया है।

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भाजपा सरकारें समय-समय ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने में रोड़े अटका रही हैं, जबकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संवैधानिक आरक्षण को लागू करने की कोई रोक नहीं है। इस देश में मोदी सरकार और मध्यप्रदेश की मोहन सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग को छलने की नीति स्पष्ट है, जिससे ओबीसी वर्ग आहत महसूस कर रहा है। ओबीसी महासभा ने स्पष्ट किया कि अगर जल्द से जल्द छात्रों को नियुक्ति और ओबीसी कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं दिया गया तो महासभा भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगी और अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन राजधानी में किया जाएगा।


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meena

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