एससी-एसटी वर्ग के विकास के लिए सरकार कर रही निरंतर कार्य : CM यादव

Thursday, Nov 06, 2025-06:35 PM (IST)

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दावा किया है कि अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक विकास तथा कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना हमारा उद्देश्य है। योजनाओं और कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य शासन विभिन्न सुझावों के प्रति संवेदनशील और नवाचारों के लिए तत्पर है। CM यादव ने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की अध्यक्षता में यहां मुख्यमंत्री निवास पहुंची अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण के लिए गठित केंद्रीय संसदीय समिति के सदस्यों के साथ चर्चा में आज यह बात कही। राज्य शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल एवं पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने संसदीय समिति के सदस्यों को शासन के निर्णयों एवं कार्ययोजनाओं से अवगत कराया।

इस मौके पर कुलस्ते ने बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय समिति द्वारा मैदानी स्तर पर समीक्षा की जा रही है। साथ ही कर्मचारियों के सेवा में प्रतिनिधित्व और उनके लिए संचालित कल्याणकारी गतिविधियों की प्रगति का भी आंकलन किया जा रहा है। योजनाओं एवं कार्यक्रमों के संबंध में समिति ने स्थानीय समुदायों, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद किया है।

समिति के सदस्यों ने मुख्य रूप से अनुसूचित जाति और जनजातियों के विकास की योजनाओं, जलजीवन मिशन के कार्यों, केन्द्रीय बजट के व्यय की स्थिति, विभिन्न विभागों में पदों की स्थिति एवं प्रतिनिधित्व, रोजगार, स्वास्थ्य एवं शिक्षा संबंधी मुद्दे, संविधान के अनुच्छेद 275 के अंतर्गत दिए बजट के उपयोग, वन अधिकार, पेसा कानून के क्रियान्वयन, एससीएसटी के विरुद्ध अपराध की रोकथाम संबंधी कानून  पर चर्चा की और प्रगति से अवगत हुए।

अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने अध्ययन समिति को प्रशासन की नीतियों एवं योजनाओं से अवगत कराते हुए बताया कि संविधान की भावना के अनुरूप नीतियां और योजनाएं बनाई जा रही है। अनुसूचित जाति, जनजातियों के विरुद्ध संभावित अपराधों को रोकने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत बनाया गया गया है। सरकारी नौकरियों, पदोन्नतियों में प्रतिनिधित्व का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा ने संसदीय समिति को अवगत कराया कि पीएमजनमन अभियान में प्रदेश को 7300 करोड रुपए की प्रावधानित राशि मिली है। विगत पांच वर्षों में 812 करोड रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं और प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना में 499 करोड रुपए स्वीकृत किए गए।  पीएमजनमन में हितग्राही मूलक योजना में आधार कार्ड, जन धन बैंक खाता, आयुष्मान भारत, जाति प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, राशन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने में प्रदेश ने 100% उपलब्धि हासिल की है।

दूरस्थ गांव में मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित है। शिक्षा के लिए 106 छात्रावास स्वीकृत किए गए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत 704 आंगनवाड़ी केंद्र स्वीकृत किए गए हैं और 135 नए केंद्रों का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। इनमें से 628 संचालित है। हर घर नल से जल योजना में आठ लाख 43 हजार जनजातीय परिवारों के घरों में नल से जल पहुंच रहा है। दूरस्थ गांव में मोबाइल नेटवर्क के लिए मोबाइल टॉवर स्थापित किया जा रहे हैं।

वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रगति की जानकारी देते हुए बामरा ने समिति के सदस्यों को बताया कि दो लाख 89 हजार दावों को मान्य किया गया है और 87 हजार  दावों का दोबारा परीक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा 28 हजार  से ज्यादा सामुदायिक वन अधिकारों को मान्य किया गया है।

संसदीय समिति के सदस्यों में प्रतिमा मंडल, अर्जुन कुमार सागर, जगन्नाथ सरकार, हरिश्चंद्र मीणा, गोविंद मुकथप्पा करजोल, दग्गुमल्ला प्रसाद राव, एडवोकेट चंद्रशेखर, विष्णु दयाल राम लोकसभा से और राज्यसभा से सुमित्रा बाल्मिक, मिथलेश कुमार, रवांगारा नार्जरी, फुलो देवी नेताम, देवेंद्र प्रताप सिंह, डॉ वी स‍विदासन, ममता ठाकुर शामिल थे। राज्य शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, अपर मुख्य सचिव पंचायत दीपाली रस्तोगी, अपर मुख्य सचिव वित्त मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव मनीष सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, आयुक्त अनुसूचित जाति सौरभ कुमार सुमन एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। आयुक्त जनजातीय विकास अधिकारी शुक्ला ने बैठक का संचालन किया। समिति द्वारा तैयार की जा रही यह रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की जाएगी। आधिकारिक जानकारी के अनुसार केंद्रीय समिति प्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर है।


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meena

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