अंग्रेजों के जमाने की जेल के कैदी अब खरीद सकेंगे कैंटीन से सामान, इन चीजों से बदलेगा मुंह का टेस्ट
Friday, Aug 11, 2023-01:49 PM (IST)

खंडवा (निशात सिद्दीकी) : मध्यप्रदेश के खंडवा की शहीद टंट्या मामा जेल में बंद बंदियों के लिए इस वर्ष आजादी के पर्व पर एक नवाचार किया जा रहा है। दरअसल यहां आने वाले स्वतंत्रता दिवस से कैदियों के लिए एक कैंटीन शुरू होने जा रहा है। अंग्रेजों के ज़माने की इस जेल में क्षमता से तीन गुना कैदी फिलहाल बन्द हैं । दरअसल यहां बंदियों को रखने की क्षमता 202 की है, जबकि 750 से अधिक कैदी फिलहाल यहां मौजूद हैं। जेल में कैंटीन शुरू करने के पीछे कैदियों को रेग्युलर मिलने वाले सामान्य भोजन के साथ ही मुंह का स्वाद बदलने के लिए कुछ नया करना है। इसी के चलते खंडवा जेल प्रशासन खुद ही इस कैंटीन का संचालन करते हुए यहां कैदियों के लिए नमकीन, सलाद, बिस्किट, अचार जैसी वस्तुएं उन्हें उपलब्ध करवाने की योजना बना रहा है। हालांकि जेल प्रशासन पर जेल के अंदर बनने वाले इस कैंटीन की स्थापना करना बाध्यकारी नहीं है लेकिन फिर भी कैदियों की मांग पर इसे शुरू किया जा रहा है। हालांकि बड़ी जेलों में यह सुविधा पहले से ही मिल रही है लेकिन अब छोटे जिलों की जेलों में भी इस तरह की सुविधा को शुरू किया जा रहा है।
खंडवा में स्थित अंग्रेजों के जमाने जेल जिसे अब शहीद जननायक टंट्या भील कारागार का नाम दिया गया है। इस जेल के कैदी अब अपनी दैनिक जरूरत का सामान जेल में ही खरीद सकेंगे। जेल में कैदियों के लिए जल्दी ही एक कैंटीन शुरू होने वाला है। इस कैंटीन में कैदी साबुन, तेल ,कंगा, अगरबत्ती,टूथपेस्ट के साथ ही बिस्किट सहित अन्य खाद्य सामान खरीद सकेंगे। बतादें की जेल में कैदियों को सदा और पोस्टिक भोजन मिलता है। एक दी तरह का भोजन खाने से कैदियों में खाने के मामले में अरुचि उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में अब इस कैंटीन से सेव ,नमकीन एवं खीरा ककड़ी प्याज और शक्कर जैसी खाने की चीजे भी खरीद कर अपनी जीब का स्वाद बदल सकेंगे।
जेल में कैंटीन शुरू करने को लेकर जेल अधिकारी पिछले एक माह से तैयारी में लगे हुए है। अब लगभग पूरी तैयारी हो भी चुकी है। जेलर के कक्ष के पास ही एक कक्ष को कैंटीन का रूप दिया गया है। यहां कैदियों को अपने जीवन यापन और खानपान से संबंधित सामान मिल सकेगा। सबसे बड़ी बात की इस कैंटीन ने जेल में बंद कैदी प्रतिमाह एक हजार रुपए का ही सामान खरीद सकते हैं। यानी प्रति सप्ताह 250 रुपए का सामान प्रत्येक कैदी जेल में बनी कैंटीन से ले सकेगा। कैदी या बंदी के पास रुपये नहीं होने की स्थिति में उसके परिवार के लोग कैंटीन की राशि का भुगतान कर सकेंगे। यह रुपये कैदी के खाते में जमा होंगे। जेल में आधार कार्ड लेकर कैदी का खाता खोला जाता है। इसी खाते में यह रुपये जमा होंगे।
शहीद जननायक टंट्या भील कारागार के जेलर ललित दीक्षित ने बताया कि 15 अगस्त को कैंटीन शुरू कर दी जाएगी। एक हजार रुपये में एक महीने में चार बार ही सामान खरीदने की सुविधा रहेगी। फिलहाल छोटे स्तर पर कैंटीन शुरू कर रहे हैं। समय के साथ इस रिस्पॉन्स देख कर इसमें विस्तार या इसे बंद भी किया जा सकता है।