SC/ST एक्टः हाईकोर्ट ने तीन आरोपियों की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई

10/1/2018 6:47:57 PM

ग्वालियर: एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के बाद इस मामले में हाईकोर्ट बहुत सख्त है। प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने तीन लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यह मामल मुरैना जिले के सिहोनिया थाना क्षेत्र का है, जहां करीब 2 महीने पहले हुए एक विवाद में तीन लोगों के खिलाफ एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति की शिकायत से पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

जानकारी के अनुसार इंदर सिंह, मनीष सिंह और अरविंद राठौर के खेत में मिट्टी खोदने को लेकर एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के साथ विवाद हुआ था, जिसके बाद एससी जाति के व्यक्ति ने तीनों के विरुद्द पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के विरुद्ध दलित उत्पीड़न और मारपीट का मामला दर्ज किया था।   

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एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के बाद धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत देने का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन सीआरपीसी की धारा 482 के बारे में इस संशोधन में कोई जिक्र नहीं किया गया है। उच्च न्यायालय को इस धारा के तहत याचिका दायर करने वाले व्यक्ति को राहत देने का अधिकार है। ऐसा वकील का मानना है। उन्होंने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपने पक्षकार के विरुद्ध लगे मामले को खारिज करने और गिरफ्तारी रोकने के लिये हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर पिछले महीने 10 सितंबर को सुनवाई हुई थी। बहस को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पर अब हाईकोर्ट ने आरोपियों को बड़ी राहत दी है, और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। लेकिन जांच जारी रखने के निर्देश भी दिए हैं। हाई कोर्ट का कहना है कि जब तक आवश्यक ना हो तब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जाए। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के बाद संभवतः यह देश का पहला मामला है। जिसमें आरोपियों को धारा 482 के तहत हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान की है।


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Vikas kumar

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