11 लाख से अधिक के मिट्टी के दीए से जगमगा उठी श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट, भक्तों ने कहीं ‘सियाराम’ तो कहीं लिखा ‘जय श्रीराम’
3/30/2023 7:22:41 PM

सतना(अनमोल मिश्रा): मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित धर्म नगरी चित्रकूट धाम को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की तपोभूमि माना जाता है। चित्रकूट का 84 कोसीय क्षेत्र तपोवन से घिरा हुआ है। जहां पर रामनवमी के दिन दीपोत्सव मनाए जाने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। इस वर्ष भी 30 मार्च गुरुवार को पावन राम नवमी पर्व पर 11 लाख से ज्यादा दीपक जलाने की तैयारी की गई है। वेद शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल के दौरान साढ़े 11 वर्ष से अधिक का समय चित्रकूट नगरी में व्यतीत किया था।
इसके चलते रामनवमी के दिन दीपोत्सव मनाये जाने की परंपरा रही है। इस दौरान लोग मिट्टी के दीये जलाते हैं। इस वर्ष भी रामनवमी के अवसर पर 11 लाख से अधिक मिट्टी के दीपों से चित्रकूट की नगरी जगमगाएगी।
रामनवमी पर्व पर यहां चारों तरफ सुंदर नजारा देखने को मिलेगा। बता दें कि यहां भगवान श्रीराम के अनेकों पवित्र स्थल हैं, जहां आज भी भगवान श्रीराम की पावन अनुभूति होती है। यहां भगवान श्री कामदनाथ, रामघाट, भरत कूप, मंदाकिनी घाट, स्फटिक शिला, सती अनुसुइया, हनुमान धारा जैसे कई ऐसे पवित्र स्थल हैं, जहां पर भगवान श्रीराम और माता जानकी वनवास काल के दौरान विहार करते थे। पूरे देश भर से लोग यहां पर भगवान श्रीराम के पवित्र स्थलों के दर्शन करने आते हैं।
चित्रकूट में रामनवमी बेहद खास तरीके से मनाई जाती है। इस दिन पूरे चित्रकूट को दीपों से सजाया जाता है। विगत वर्ष भी करीब 5 लाख से अधिक दीपक चित्रकूट नगरी में जलाए गए थे। इस वर्ष करीब 11 लाख से अधिक दीपों को प्रज्वलित किए जाने का कार्यक्रम चित्रकूट में किया जाना है। इसके लिए बिना किसी शासकीय मदद से समाज सेवी संगठन, साधू संतों सहित स्थानीय लोगों द्वारा स्वेच्छा से इस कार्य में अपनी सहभागिता निभाई जाएगी हैं।
इसमें सबसे खास बात यह है कि कुम्हारों के लिए यह दीपोत्सव सुनहरा अवसर लेकर आएगा। क्योंकि मिट्टी के दीपक कुम्हारों से लिए जाएंगे और इसके साथ ही यहां पर सात दिवसीय प्राकट्य पर्व का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें रामलीला, भजन, लोक संगीत सहित विभिन्न कार्यक्रमों आयोजन किया गया है। इसके अलावा इस अवसर पर जबरदस्ट आतिशबाजी भी की जाएगी और उत्साह पूर्वक पर्व मनाया जाएगा।
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