शिवराज ने देश को दिया शिव का अलौकिक संसार! देश का सबसे बड़ा धार्मिक गलियारा होगा ‘महाकाल लोक’

10/10/2022 5:17:33 PM

भोपाल(विवान तिवारी) : महाकाल की नगरी उज्जैन मंदिर के प्रांगण के विस्तार के बाद जो भव्य और बहुत ही सुंदर दृश्य देखने को मिल रहा है उस महाकाल लोक की चर्चा जोरों पर है। बीते लगातार 4 साल से प्रांगण को दिव्यता और भव्यता के संगम से सजाया जा रहा था और अब उसने एक अलग ही आकार ले लिया है और इतिहास के पन्नों में इस अकल्पनीय देवादीदेव महादेव का संसाररूपी लोक बनकर लोकार्पण के लिए तैयार खड़ा है। क्या आप जानते हैं सीएम शिवराज के नेतृत्व और उनकी पूरी देख रेख में बने महाकाल लोक को देश का सबसे बड़ा गलियारा माना जा रहा है। आइए समझते है आखिरकार कैसे उज्जैन के बाबा महाकाल के मंदिर का ये आंगन देश भर के कई धार्मिक स्थानों में सबसे अलग है।

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•एकमात्र ऐसा मंदिर जो बताएगा भगवान शिव की कहानियां

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 856 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले महाकाल लोक को पहले चरण में 2.8 हेक्टेयर बनाया गया है और दूसरे चरण में ये लोक 47 हेक्टेयर एरिया में फैला होगा। ऐसा बताया जा रहा है कि 900 मीटर से अधिक लंबे आंगन में चलते-चलते भक्तों को घंटों लग जाएंगे। इस दौरान भक्त बाबा महाकाल के अद्भुत रूपों के दर्शन तो करेंगे ही इसके साथ में शिव महिमा, शिव पार्वती विवाह की गाथा भी उन्हें देखने को मिलेगी।

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वही पूरे देश में भगवान शंकर का एकमात्र ऐसा मंदिर होगा महाकाल लोक बनने के बाद जो श्रद्धालुओं को शिव से जुड़ी हुई हर कहानी को बहुत करीब से सुन, देख और महसूस कर करवाएगा। इसके साथ में ही इस लोक को बनाते वक्त पर्यावरण का बहुत विशेष ध्यान रखा गया है। ऐसी जानकारी मिली है कि हैदराबाद से यहां पर बागवानी के लिए विशेष पौधे मंगाए गए हैं। वही शमी, बेलपत्र, पीपल, रुद्राक्ष, नीम और वटवृक्ष भी लगाए गए है।

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• सीएम ने साफ कहा था, फंड की कमी नहीं आने देंगे काम समय पर चाहिए

इस महाकाल लोक के बन कर तैयार होना का सफर भी गजब का है। इसे बनाने के दौरान कई बड़ी कठिनाइयां आई और उन कठिनाइयों को जड़ से खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को हर जरूरी व्यवस्था देने की बात कही थी। उन्होंने खर्च को लेकर साफ तौर पर यह कहा था कि फंड की कमी नहीं आने देंगे मगर काम समय पर होना चाहिए। उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार एक बहुत बड़ा चैलेंज था कि लगभग 800 घरों को जहां पर अभी महाकाल लोक बना है। वहां से हटाया गया और दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया गया। तब जाकर के ये लोक बन सका। यही नहीं वहां स्कूली बच्चे थे उन बच्चों की पढ़ाई में कोई नुकसान न हो इसका भी खास ध्यान रखा गया।

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इसके साथ में ही कई दूसरे अन्य सामुदायिक मुद्दे भी थे जिनका समाधान करना था और इन सब चीजों का ध्यान खास तौर पर सीएम भी रख रहे थे। वही इन सब के बीच एक बहुत बड़ा चैलेंज सामने निकल कर आया और वह था रूद्र सागर की सफाई। इसी रूद्र सागर के किनारे पर यह पूरा लोक बनकर तैयार हुआ है। ऐसा बताया जाता है कि 40 से के लगभग लोगों ने महज डेढ़ महीने के अंदर रुद्र सागर तालाब को साफ सुथरा करने के लिए जलकुंभी हटाए थे और यह पूरा काम दिन-रात चला था। तालाब के आसपास में सीवेज का गंदा पानी भी आता था। वही सबसे बड़ी समस्या यह थी कि तालाब के कायाकल्प के लिए जो गंदा पानी नाले में आ रहा था उसकी व्यवस्था करना। इन सभी समस्याओं का पूरा समाधान किया गया। तब जाकर इतिहास रचने वाला महाकाल लोक बनकर तैयार हुआ।

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• दर्शन के लिए अब न तो चलना पड़े ज्यादा दूर पैदल, ना ही दूर रखने पड़ेगी गाड़ी

11 अक्टूबर को महाकाल लोक का लोकार्पण देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे हैं। ऐसे में महाकाल लोक की श्रद्धालुओं के दर्शन को लेकर के ऐसी व्यवस्था बनाई गई है जिसमें ना ही भक्तों को बहुत दूर तक पैदल चलना पड़ेगा और ना ही उनकी गाड़ियों को उज्जैन शहर से बाहर रखने की व्यवस्था करनी पड़ेगी। बता दे की सिंहस्थ, शिवरात्रि, नाग पंचमी जैसे बड़े त्योहारों में बड़ी संख्या में देश भर से लोग उज्जैन आते हैं। मगर बावजूद इन सब के इस पूरी भीड़ को किस प्रकार से मैनेज किया जाएगा और बड़े ही आराम से कैसे भक्त दर्शन कर सकेंगे महाकाल लोक का और मंदिर का उसको लेकर के पूरी व्यवस्था बनाई गई है। यही नहीं ऐसी भी जानकारी मिली है कि अब श्रद्धालुओं को पार्किंग से लेकर महाकाल बाबा के दर्शन करने तक में महज 15 से 20 मिनट लगेंगे। यही नहीं लगभग 20,000 से अधिक लोग मात्र 1 घंटे में ही दर्शन भी कर सकेंगे। अब तो ऐसी व्यवस्था बना दी गई है कि अगर एक साथ 10 लाख श्रद्धालु भी बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंचते हैं तो उन्हें बड़े ही आराम से बाबा साधना करने और दर्शन करने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी।

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• देश का सबसे बड़ा धार्मिक गलियारा "महाकाल लोक"

अब बात करते हैं महाकाल लोक के उस इतिहास रचने की जिसकी वजह से पूरे देश में महाकाल मंदिर का आंगन खूब चर्चाओं में है। बता दें कि महाकाल लोक 47 हेक्टेयर में विकसित होने जा रहा है। पहले चरण में यह 2.8 हेक्टेयर में बनकर तैयार हो गया है जिसका लोकार्पण 11 अक्टूबर को होना है और जब दूसरे चरण में पूरा होगा। वह 47 हेक्टेयर यानी कि 116 एकड़ के लगभग बड़े क्षेत्र में यह फैला हुआ होगा। कई मीडिया रिपोर्ट्स ये बताती है कि देश की सबसे बड़ी कॉरिडोर रामेश्वरम कॉरिडोर है जो 6 एकड़ में फैली हुई है। ऐसे में महाकाल लोक जब पूरी तरह से बनकर तैयार होगा तो ऐसा माना जा रहा है कि ये देश का सबसे बड़ा धार्मिक गलियारा बनेगा।


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Content Writer

meena

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