दिग्विजय सिंह तक पहुंची बैतूल के ग्रामीणों की पीड़ा! वनवासी और हजारों परिवारों की लड़ेंगे लड़ाई!
Tuesday, Sep 16, 2025-04:11 PM (IST)

बैतूल (रामकिशोर पंवार): बैतूल जिले के ग्रामीण अंचलों में प्रस्तावित प्रूफ रेंज विस्तार की आशंकाओं ने हजारों परिवारों की नींद उड़ा दी है। चिचोली, टेमरामाल, टेमरैयत, खदरा, मलाजपुर, चिकली, धप्पा, झारकुंड, सेहरा, रामपुर माल सहित दर्जनों गांवों में जमीन अधिग्रहण और संभावित विस्थापन को लेकर ग्रामीणों में गहरा रोष और असुरक्षा का माहौल है। खेत, खलिहान और पुरखों की जमीन बचाने के लिए अब जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन तक पत्र लिखे जा रहे हैं।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश सचिव हर्ष भुसारी ने इस गंभीर और संवेदनशील विषय पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से मिलकर हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि इन गाँवों में रक्षा मंत्रालय की ओर से प्रूफ रेंज विस्तार की संभावनाओं से संबंधित पत्र जारी हुआ है, जिससे आमजन में भारी भय का वातावरण बन गया है। हर्ष भुसारी ने दिग्विजय सिंह से आग्रह किया है कि वे रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करें कि इन गाँवों में किसी प्रकार का विस्थापन या प्रूफ रेंज विस्तार न किया जाए।
दिग्विजय सिंह से मांग की गई है कि रक्षा मंत्रालय की ओर से स्पष्ट और लिखित आदेश जारी कर ग्रामीणों के बीच फैले भय और भ्रम को समाप्त किया जाए । यदि किसी योजना पर विचार भी हो रहा है तो ग्रामवासियों की सहमति और भलाई को सर्वोपरि रखा जाए। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए हर्ष भुसारी को आश्वस्त किया है कि वे इस मुद्दे को सरकार और संबंधित विभागों के समक्ष प्रमुखता से उठाएंगे।
आधिकारिक लिखित स्पष्टीकरण जारी करने की मांग
हर्ष ने इस मुद्दे को प्रशासनिक स्तर पर भी मजबूती से रखा है। जिला दंडाधिकारी बैतूल एवं तहसीलदार चिचोली को संबोधित पत्र में उन्होंने प्रशासन से स्पष्ट और आधिकारिक लिखित स्पष्टीकरण जारी करने की मांग की है । पत्र में कहा गया है कि यदि कोई योजना चल रही है तो उसमें जनता की सहभागिता और सहमति आवश्यक है नहीं तो पारदर्शिता के अभाव में लोगों में गहरा असंतोष पनप रहा है।
हर्ष भुसारी ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट नहीं की गई तो ग्रामीणों के हितों की रक्षा के लिए जिलेभर में जनआंदोलन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि गांव, खेत और जंगल हमारी पहचान हैं, और इसे किसी भी कीमत पर मिटने नहीं दिया जाएगा।
सरकार से मांगा गया जवाब
चिचोली क्षेत्र के साथ ही आसपास के गांव लंबे समय से वनवासी और कृषक बहुल हैं। यहां की भूमि पर हजारों परिवारों की पीढ़ियां बसी हुई हैं। ऐसे में बिना जनसहमति के किसी भी प्रकार की सैन्य परियोजना लागू करना सामाजिक और लोकतांत्रिक रूप से इनमें असंतोष पैदा करेगा । प्रूफ रेंज विस्तार की आशंका को लेकर प्रशासन और सरकार से जवाबदेही की माँग अब तेज़ होती जा रही है।