फिर सवालों के घेरे में जीवाजी यूनिवर्सिटी, नियमों को ताक पर रख एक विशेष फर्म को दिया गया करोड़ों का
4/16/2021 2:43:03 PM
ग्वालियर (अंकुर जैन): ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में टेंडर प्रक्रिया में नियम और शर्तों को ताक पर रखकर एक विशेष फर्म को करोड़ों का टेंडर दिलवाने की कोशिश के आरोप लगे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये पर सवाल उठने लगे हैं। करीब 5 करोड़ रुपए के कंप्यूटर खरीदी के लिए निविदाकारों को सिर्फ 6 दिन का समय दिया गया है। जबकि निविदा की शर्तें पूरी करने में ही 10 से 15 दिन का समय लग जाता है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि पांच करोड़ रुपए से अधिक के टेंडर के लिए सिर्फ दो ही फर्म क्यों आ रही है। जबकि कंप्यूटर बनाने वाली देश और विदेश की कई कंपनियां हैं। निविदा में पहली बार सिर्फ इंटेल का प्रोसेसर मांगा गया है। कहने को डेल आसुस और एचपी के भी नाम दिए गए हैं। लेकिन कंप्यूटर बनाने वाली एचपी कंपनी को एक तरह से बाहर कर दिया गया है और ओपन टू सर्टिफिकेशन मांगा गया है। जबकि ऑनलाइन परीक्षा में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर में इसकी आवश्यकता नहीं होती है।
विश्वविद्यालय को अपने यहां ऑनलाइन परीक्षा के लिए एक बड़ा कंप्यूटर सेंटर बनाना है जहां परीक्षार्थी डेस्कटॉप पर बैठकर परीक्षा दे सकें। लेकिन सिर्फ अपनी चहेती फर्म को टेंडर देने के लिए इस तरह की शर्तें जोड़ी गई है, कि उसमें दूसरी कंपनियां भाग नहीं ले सकेंगी। करोड़ो के टेंडर में इस तरह की अनियमितता की शिकायत दूसरे निविदा कारों और कार्यपरिषद के सदस्यों ने भी राजभवन को की है। खास बात यह है कि यह निविदा 10 अप्रैल को प्रकाशित की गई है, और इसकी अंतिम तिथि 16 अप्रैल निर्धारित की गई है ऐसे में समझा जा सकता है कि सिर्फ कुछ ही डिस्ट्रीब्यूटर जो पहले से इन भारी-भरकम शर्तों को पूरा करते हैं। वही इसमें हिस्सा ले सकेंगे। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि उन्होंने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी रखा है। ओपन टेंडर प्रक्रिया में कोई भी हिस्सा ले सकता है। लेकिन सिर्फ इंटेल का प्रोसेसर निविदा में जरूरी बताया गया है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए वही जब बाजार में 10th जनरेशन के डेक्सटॉप उपलब्ध हैं, तो नाइंथ जनरेशन का क्यों खरीदा जा रहा है। इस पर कार्य परिषद के सदस्य मनेंद्र सोलंकी ने सवाल उठाया है। कि कथित डिस्ट्रीब्यूटर अपना पुराना माल विश्वविद्यालय को टिका कर बडा़ लाभ कमाना चाहता है।