धार्मिक एकता की मिसाल बनी यह शादी, मुस्लिम समाज ने हिंदू जोड़े को भेंट की 'भागवत गीता'

2/10/2020 12:31:18 PM

छतरपुर(राजेश चौरसिया): कहते हैं इस दुनिया में तरह तरह के लोग रहते हैं। कुछ तो धर्म के नाम पर एक दूसरे की जान लेने और देने की बात करते हैं और वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो समाज से हटकर कुछ ऐसा कर देते हैं जो लोगों के लिए मिसाल बन जाता है। एक ऐसा ही मामला छतरपुर से सामने आया है जहां मुस्लिम समाज के लोगों ने हिंदू समाज के दूल्हा-दुल्हन की पहले तो बकायदा हिन्दू रीति-रिवाज से शादी कराई, सारी रस्में अदा कीं और फिर धार्मिक ग्रंथ गीता भेंट कर दुल्हन को विदा किया।

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जानकारी के अनुसार, छतरपुर में मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह निकाह योजना के तहत ख़्वाजा गरीब नवाज़ कमेटी के द्वारा एक ही मंच पर 80 जोड़ों के विवाह कराए गए जिनमें से 78 जोड़े मुस्लिम समाज के थे तो वहीं दो जोड़े हिंदू समाज के थे। एक ओर जहां मुस्लिम जोड़ों का निकाह कराया गया तो वहीं उसी मंच पर हिन्दू जोड़े का उनके धर्मानुरूप रीति-रिवाजों से विवाह कराया गया। बाकायदा मंडप गाड़ा गया फेरे लिए गये जयमाला और आशीर्वाद कार्यक्रम हुआ और धार्मिक ग्रंथ गीता भेंट की गई। जिसके साक्षी सारा मुस्लिम समाज के हाफ़िज़, मौलवी, मौलाना, उलेमा, और लोग बने।

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बता दें कि जिस तरह मुस्लिम समाज में रिवाज है कि लड़की पक्ष की ओर से पवित्र और धार्मिक ग्रंथ कुरान दूल्हा-दुल्हन को भेंट की जाती है जो दुल्हन के साथ ससुराल जाती है ठीक वैसे ही हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ गीता दूल्हा-दुल्हन को भेंट की गई जो दुल्हन के साथ ससुराल जायेगी।

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इस गंगा जमुनी तहजीब को देखकर एक और जहां दूल्हा-दुल्हन के परिजनों की आंख में आंसू भर आए तो वहीं दूसरी ओर मौजूद हजारों की संख्या में लोगों ने इस गंगा जमुनी तहजीब की तहे दिल से तारीफ की और कहा कि ऐसा सिर्फ और सिर्फ हमारे बुंदेलखंड में ही देखने को मिल सकता है।

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कमेटी के सदर की मानें तो हमारी कौम, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, रीति-रिवाज, भले ही अलग-अलग हों पर हमारा खून, दिल, वतन, एक है। देश दुनिया में भले ही चाहे जो चल रहा हो पर हमारे यहां गंगा जमुनी, तहज़ीब जन्म जन्मांतर से चली आ रही है जो हम आज भी और कल भी कायम रखेंगे। हम जाति मजहबों से ऊपर उठकर सबसे पहले इंसान हैं और इंसानियत की कोई जाति, मजहब, कौम नहीं होती।

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विधायक आरिफ मसूद भी हुए कायल
इस कार्यक्रम में भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद भी आए हुए थे। वे यहां की गंगा-जमुनी तहज़ीबी को देखकर भाव विभोर हुए बगैर न रह सके और खुले मंच से बुंदेलखंड की गंगा-जमुनी तहजीब के सामने नतमस्तक हुए और तारीफ़ की कि देश दुनिया में भले ही कुछ और चल रहा हो पर यहां देखकर लगता है कि सब बेमानी है सच यही है जो यहां देखने को मिला।



 


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Edited By

meena

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