क्या वाक़ई VD के रिकॉर्ड को तोड़ पाना किसी और के लिए दूर की कौड़ी बन गया है?
4/3/2024 1:20:03 PM
भोपाल। (विनीत पाठक): भारतीय जनता पार्टी में मध्यप्रदेश के संगठन की देश के सबसे बेहतरीन संगठनों में गिनती होती है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश बीजेपी का गढ़ बन चुका है। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने कई बड़े नेता दिए। लेकिन इन सभी नेताओं में अपनी कार्यशैली और सहजता के चलते वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने अपनी अलग पहचान गढ़ी हैं। जिसके चलते मप्र बीजेपी के सबसे बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडी शर्मा को शुभांकर प्रदेश अध्यक्ष के खिताब से नवाजा था। लेकिन क्या सचमुच वीडी शर्मा बीजेपी के शुभांकर प्रदेश अध्यक्ष साबित हुए और क्या आने वाले लोकसभा चुनावों में भी वे शुभांकर अध्यक्ष साबित होंगे। इसकी पड़ताल की पंजाब केसरी ने...
विष्णुदत्त शर्मा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की। आगे चलकर वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश अध्यक्ष बने। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें खजुराहो लोकसभा सीट से पार्टी ने टिकिट दिया और वे सांसद बन गए। साल 2020 में जब वीडी शर्मा ने मप्र बीजेपी की कमान संभाली उस वक्त बीजेपी मध्यप्रदेश में 18 साल बाद सत्ता से बाहर थी। पार्टी के लिए समय कठिन था। लेकिन ऐसे वक्त में पार्टी की कमान संभालने के बाद कमलनाथ को मप्र की सत्ता से हटाने से लेकर उपचुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में वीडी शर्मा की बड़ी भूमिका थी। इसके बाद जब प्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव हुए तब भी वीडी शर्मा ने लगातार पूरे प्रदेश में दौरे और बैठकें कर पार्टी को जबरदस्त सफलता दिलाई थी। साल 2023 विधानसभा चुनाव में जब तमाम मीडिया समूहों के एग्ज़िट पोल और राजनीतिक पंडित म प्र में काँग्रेस सरकार की वापसी के संकेत दे रहे थे यहां तक कि संघ के सर्वे में भी काँग्रेस की सरकार बनती दिखाई दे रही थी उस वक्त भी विपरीत परिस्थितियों में शिव-विष्णु की जोड़ी ने मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक मत हासिल कर 164 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की थी। विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी सभा में वीडी शर्मा को बीजेपी का शुभांकर अध्यक्ष बताया था। अब देश एक बार फिर लोकसभा चुनावों की केंद्रीय नेतृत्व ने मध्यप्रदेश बीजेपी संगठन को 29 की 29 सीटें जितने का लक्ष्य दिया है। जिसके लिए सत्ता और संगठन लगातार काम कर रहा है। पहले शिवराज सिंह चौहान और अब डॉ मोहन यादव के साथ बेहतर तालमेल बैठाकर वीडी शर्मा लोकसभा चुनावों के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
इस बार बीजेपी के मिशन 29 में सबसे बड़ी चुनौती कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा को जीतना है। और उसके लिए संगठन ने अपना काम जोरशोर से शुरू कर दिया है। इस बार चुनाव से ठीक पहले करीब 20 हज़ार कॉंग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी की सदस्यता ली है और ये सिलसिला लगातार जारी है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण ये है कि काँग्रेस छोड़ बीजेपी जॉइन करने वाले ज्यादातर कमलनाथ समर्थक हैं। जिसमें कमलनाथ के हनुमान कहे जाने वाले दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना और छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा विधानसभा के कांग्रेस विधायक कमलेश शाह अहम हैं । इसके साथ ही छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम आहाके के साथ साथ काँग्रेस कर कई जनपद अध्यक्ष, पार्षद और हज़ारों कार्यकर्ताओं को भी बीजेपी में लाने का श्रेय वीडी शर्मा के सर ही है। कभी कमलनाथ का अभेद किला माने जाने वाले छिंदवाड़ा में आज कमलनाथ और काँग्रेस की जड़े अगर हिलती हुई दिखाई दे रही हैं तो उसका कारण भी बीजेपी की कुशल रणनीति है और इसमें भी वीडी शर्मा की अहम भूमिका दिखाई दे रही है। अब तक बीजेपी के लिय शुभांकर रहे प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा लोकसभा चुनावों में भी मिशन 29 फतह कर एक बार फिर पार्टी के लिए शुभांकर साबित हो पाते हैं या नही ये तो लोकसभा चुनावों के परिणाम ही साबित करेंगे। लेकिन इतना तो साफ है कि आज जो मज़बूत स्थिति मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की है उसमें वीडी शर्मा के कुशल नेतृत्व का बड़ा योगदान है।