इंदौर में गर्माया Vote for NOTA...विजयवर्गीय बोले- नोटा का विकल्प हमारे हित में नहीं
5/9/2024 1:22:36 PM
इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर लोकसभा में इन दिनों गर्माए ‘नोटा' से जुड़े मुद्दे को लेकर राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उपलब्ध प्रत्याशियों में से सर्वाधिक योग्य को मत देना ही समझदारी है और नोटा का विकल्प हमारे हित में नहीं है। विजयवर्गीय ने बुधवार देर रात अपने एक्स हैंडल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक वीडियो पोस्ट किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा,‘‘परम आदरणीय सरसंघचालक मोहन भागवत ने नोटा को बहुत अच्छी तरह से समझाया है। लोकतंत्र में उपलब्ध प्रत्याशियों में से जो सर्वाधिक योग्य लगे, उसे अपना मत देने में ही समझदारी है। नोटा का विकल्प हमारे हित में नहीं है।
परम आदरणीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी ने NOTA को बहुत अच्छी तरह से समझाया है।
— Kailash Vijayvargiya (Modi Ka Parivar) (@KailashOnline) May 8, 2024
लोकतंत्र में उपलब्ध-प्रत्याशियों में से जो सर्वाधिक योग्य लगे, उसे अपना मत देने में ही समझदारी है।
नोटा का विकल्प हमारे हित में नही है। pic.twitter.com/AAPG05fvoT
बता दें कि इंदौर लोकसभा में 13 मई को मतदान के पहले इन दिनों यहां नोटा का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापसी के अंतिम दिन अपना नामांकन वापस लेकर कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद अब वहां कांग्रेस का कोई आधिकारिक प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी समेत कांग्रेस के नेता अब इंदौर संसदीय क्षेत्र के लोगों से नोटा पर वोट देने की अपील कर रहे हैं।
इसी बीच पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और इंदौर की पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन ने भी बयान दिया कि अक्षय कांति बम से जुड़े घटनाक्रम की आवश्यकता नहीं थी। इंदौर के लोगों का रुझान भाजपा की ओर है और इंदौर से भाजपा पार्टी जीत रही थी। इसके साथ ही उन्होंने यहां तक कहा था कि लोग उन्हें फोन करके कह रहे हैं कि अब वे नोटा के समर्थन में मतदान करेंगे। उनके इस बयान के बाद वहां नोटा को लेकर राजनीति और तेज हो गई।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने भी कल इस विवाद को लेकर कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने नोटा को वोट देने की अपील करके यह स्वीकार कर लिया है कि मध्यप्रदेश सहित देशभर की जनता का भरोसा कांग्रेस पार्टी से पूरी तरह से उठ चुका है।