सीधी में सड़क नदारद, सिस्टम लाचार, खाट बनी एम्बुलेंस, महिला का रास्ते में हुआ प्रसव

Sunday, Jul 27, 2025-07:10 PM (IST)

सीधी। (सूरज शुक्ला): मध्य प्रदेश के सीधी जिले के सेमरिया थाना अंतर्गत बरिगवां नंबर दो गांव में बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने एक बार फिर जनप्रतिनिधियों के वादों की पोल खोल दी। आदिवासी समाज की गर्भवती महिला प्रीति रावत पत्नी बबलू रावत को समय पर अस्पताल ले जाना संभव नहीं हो सका क्योंकि गांव तक कोई पक्की सड़क नहीं है। एंबुलेंस गांव से दो किलोमीटर दूर मुख्य सड़क पर खड़ी रही, और परिजन खाट को डोली में बदलकर रस्सी-बल्ली के सहारे महिला को ले जाने पर मजबूर हुए।

इस दर्दनाक सफर के दौरान बीच रास्ते में ही महिला का प्रसव हो गया, जिससे परिजनों की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई। हालांकि बाद में महिला और नवजात को सेमरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।

PunjabKesariग्राम बरिगवां की आबादी लगभग 70 लोगों की है, लेकिन आज़ादी के इतने सालों बाद भी यह गांव पक्की सड़क से वंचित है। बरसात के दिनों में गांव के बच्चों की स्कूल जाने की राह भी एक छोटी नदी रोक देती है, जिससे उनका भविष्य अधर में झूल रहा है। इस गंभीर मामले पर सीएमएचओ डॉ. बबीता खरे ने बताया कि समय पर एंबुलेंस पहुंची थी, लेकिन सड़क नहीं होने के कारण गांव तक नहीं जा सकी। वहीं समाजसेवी प्रभात वर्मा ने इसे बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा कि यदि समय पर परिजन मदद न करते, तो मां और नवजात की जान भी जा सकती थी।

गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व इसी क्षेत्र में सड़क की मांग को लेकर लीला साहू नामक गर्भवती महिला का मामला सामने आया था, जिसमें सांसद राजेश मिश्रा ने हेलीकॉप्टर तक भेजने की बात कही थी। लेकिन जमीनी हकीकत में गांव वाले आज भी खाट और कंधे के सहारे इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Himansh sharma

Related News