जमीन खा गई या आसमान निगल गया! घने जंगलों में कटनी की अर्चना की तलाश जारी, क्या बाघ ने कर लिया शिकार?
Monday, Aug 18, 2025-05:39 PM (IST)

भोपाल: सिविल जज बनने का सपना देख रही अर्चना तिवारी पिछले 12 दिनों से लापता है। 7 अगस्त को इंदौर से घर के लिए निकली अर्चना का अब तक कोई सुराग नहीं मिला। नर्मदा ब्रिज के पास उसका अंतिम लोकेशन ट्रेस हुआ था और अब पुलिस को आशंका है कि कहीं वह मिडघाट के जंगलों में तो नहीं गिर गई, या फिर किसी जंगली जानवर का शिकार तो नहीं हो गई। इसी कड़ी में जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है।
जंगलों में अर्चना की तलाश शुरू..
मध्यप्रदेश के बुधनी और बरखेड़ा के बीच फैले मिडघाट जंगल में अब अर्चना की तलाश शुरू हो चुकी है। जीआरपी की चार टीमें और वन विभाग के अधिकारी यहां लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। पुलिस को आशंका है कि कहीं वह ट्रेन से गिरकर जंगल में तो नहीं चली गई। हालांकि सबसे बड़ी चिंता ही ये है कि मिडघाट का इलाका बाघों के लिए जाना जाता है। पिछले दिनों कई बार इंसानों पर हमला भी हुआ है। यही वजह है कि अर्चना को लेकर बाघ के हमले की आशंका भी जताई जा रही है। लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कोई पुख्ता सुराग नहीं लगा है। अर्चना की तलाश जारी है, और परिवार की बेचैनी हर दिन बढ़ती जा रही है।
नर्मदापुरम से पहले बंद हो गया अर्चना का मोबाइल...
7 अगस्त को इंदौर से निकली अर्चना तिवारी भोपाल तक परिवार से संपर्क में रही। इसके बाद अचानक उसका मोबाइल नर्मदापुरम के पास नर्मदा नदी पुल के पहले बंद हो गया। कटनी पहुंचना तो दूर, अर्चना ट्रेन से कहीं उतरी भी नहीं।
भोपाल तक अपनी सीट पर ही दिखी थी अर्चना...
हादसे के बाद पुलिस की जांच में सामने आया था कि अर्चना भोपाल तक ट्रेन में अपनी सीट पर दिखी थी। लेकिन उसके बाद वह रहस्यमय ढंग से गायब हो गई। कटनी पहुंचने से पहले जब उसके परिजनों ने उसे फोन करना चाहा तो फोन स्विच ऑफ आया। अर्चना कटनी में नहीं उतरी तो तत्काल ही उमरिया के रिश्तेदारों को फोन किया गया। नर्मदा एक्सप्रेस जब उमरिया में रुकी तो जिस सीट पर अर्चना बैठी थी, वहां उसका बैग मिला।
मामले में अब बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या क्या अर्चना तिवारी जंगल में गिरी? क्या वह किसी हादसे की शिकार हुई? इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश पुलिस और वन विभाग कर रहा है। लेकिन अभी तक सब कुछ रहस्य बना हुआ है।