शीतकालीन सत्र: विधानसभा की कार्रवाई हंगामे और शोर- शराबे के बीच अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
12/20/2019 4:02:25 PM
भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भारी हंगामे और शोर-शराबे के बाद सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन में शुक्रवार को विपक्षी पार्टी बीजेपी ने नागरिकता संशोधन कानून, यूरिया संकट, बेरोज़गारी, आईएएस अफसर गौरी सिंह के इस्तीफे के मुद्दे पर सरकार को घेरा।
वहीं मध्य प्रदेश विधानसभा के शीत कालीन सत्र का चौथा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। बीजेपी सदस्य शुक्रवार को बेरोजगारी के मुद्दे पर बिड़ला मंदिर से लेकर विधानसभा तक मार्च करते हुए पहुंचे। सदन की कार्रवाई शुरू होते ही बीजेपी ने नागरिकता संशोधन कानून और उसे लेकर प्रदेश में उठ रही आवाज पर चर्चा की मांग की। बीजेपी विधायक नरोत्तम मिश्रा ने इस संबंध में दिए स्थगन पर चर्चा की मांग उठाई। उसके बाद बालाघाट जिले में सौभाग्य योजना के तहत हुए बिजली के कामों का मामला भी विधानसभा में गूंजा। इसका जवाब ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने दिया। उन्होंने सदन को बताया कि सौभाग्य योजना में घटिया काम होने और उपकरण खरीदी में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। सरकार पूरे मामले की जांच करा रही है, इसमें गलत तरीके से हुए भुगतान की भी जांच की जाएगी।
पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सदन में ऐलान किया कि अब प्रदेश के टोल माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। जो लोग गलत तरीके से टोल टैक्स वसूली कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सदन में 15 दिन से भोपाल में धरना दे रहे अतिथि विद्वानों का मामला भी सदस्यों ने उठाया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार को कांग्रेस के वचन पत्र की याद दिलाई। शून्यकाल में उठे इस मुद्दे का उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने जवाब दिया। उन्होंने सदन को बताया कि जीएडी सचिव की अध्यक्षता में समिति बना दी गई है। जीतू पटवारी ने कहा, अतिथि शिक्षकों को नहीं हटाया जाएगा।
विधान सभा की कार्यवाही के दौरान शून्यकाल में सदन में प्रदेश की सीनियर आईएएस अफसर एसीएस गौरी सिंह के इस्तीफे पर सदन में हंगामा हुआ। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि पोषण आहार माफिया के दबाव के कारण गौरी सिंह ने इस्तीफा दिया है। उनके इस आरोप पर सदन में हंगामा शुरू हो गया। पक्ष विपक्ष के सदस्यों में जमकर नोंक-झोंक शुरू हो गई। इस हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई जारी रही। एसीएस गौरी सिंह के मामले को लेकर विपक्षी सदस्य गर्भ गृह में पहुंच गए और फिर वॉक आउट कर गए।
पंचायत मंत्री का बयान एसीएस गौरी सिंह के इस्तीफे पर विपक्ष के आरोपों का पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल ने जवाब दिया। उन्होंने सदन में बयान दिया कि प्रदेश में पोषण आहार व्यवस्था सुधारने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार इसकी विसंगति दूर करने में लगी है। गौरी सिंह का इस्तीफा एक सामान्य प्रक्रिया है। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।