गांव गांव जाकर अलख जगा रही तीन जिलों की कमांडो महिलाएं, हर तरफ हो रही चर्चा

Tuesday, Dec 23, 2025-05:16 PM (IST)

धमधा (हेमंत पाल) : दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम दरगांव में आज महिला कमांडो की मासिक बैठक सामाजिक चेतना और बदलाव के मजबूत संकल्प के साथ संपन्न हुई। बैठक में दुर्ग, कबीरधाम कवर्धा और बालोद जिलों से पहुंची बड़ी संख्या में महिलाओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को संगठित कर समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन की दिशा तय करना रहा।

बैठक में युवराज साहू अपने पुलिस स्टाफ के साथ विशेष रूप से मौजूद रहे। उन्होंने महिला कमांडो सदस्यों को साइबर क्राइम से बचाव, यातायात नियमों तथा महिला संबंधी अपराधों पर कानूनी प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि जागरूक महिलाएं अपने घर परिवार के पुरुष सदस्यों को नशा, हिंसा और अन्य सामाजिक बुराइयों से दूर रखने में प्रभावी भूमिका निभा सकती हैं। थाना प्रभारी ने महिलाओं से अपील की कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अपराध की जानकारी तत्काल पुलिस को दें ताकि समय रहते कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

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बैठक की गरिमा उस समय और बढ़ गई जब शमशाद बेगम कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने महिला कमांडो को समाज परिवर्तन की धुरी बताते हुए कहा कि जागरूक और संगठित महिलाएं ही सशक्त समाज की नींव रखती हैं। उन्होंने महिलाओं से बिना भय के सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।

एक सोच महिला कमांडो

बैठक में महिला कमांडो की मूल अवधारणा और उद्देश्य को विस्तार से रखा गया। यह पहल सामाजिक बुराइयों के खात्मे, अच्छाइयों को प्रोत्साहन तथा शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है ताकि योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक पहुंचे। वक्ताओं ने कहा कि इस अभियान को शासन, प्रशासन, न्यायपालिका और पुलिस का सहयोग तो मिल रहा है लेकिन वास्तविक बदलाव समाज के भीतर से ही संभव है।

वक्ताओं ने दो टूक कहा कि समाज में फैली बुराइयों के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं और समाधान की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। इसके लिए मानसिकता और व्यवहार में बदलाव, निरंतर जागरूकता और सीधा संवाद सबसे प्रभावी माध्यम हैं। महिलाओं और बच्चों की उन्नति को समाज और देश के विकास की बुनियाद बताते हुए कहा गया कि महिलाएं जननी और शक्ति स्वरूपा हैं जो एक बार संकल्प ले लें तो उसे पूरा करके ही दम लेती हैं।

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बैठक में हिंसा, टोनही प्रथा, बाल विवाह और नशाखोरी पर पूर्ण अंकुश लगाने तथा अंधविश्वास, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या और लिंग भेद जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ निर्णायक संघर्ष का संकल्प लिया गया। साथ ही महिला एवं बालिका शिक्षा, महिलाओं के विचारों को सामाजिक मंच देने और उन्हें नेतृत्व की भूमिका में आगे लाने पर विशेष जोर दिया गया।

बैठक के समापन पर यह संदेश स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आया कि महिला कमांडो केवल एक संगठन नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव की सशक्त कड़ी है जो गांव गांव तक जागरूकता की अलख जगाकर एक स्वस्थ, सुरक्षित और सशक्त समाज के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभा रही है।


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Content Writer

meena

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