4 साल से अलग रह रहे थे, तलाक लेने पहुंचे कोर्ट, फिर हंसते-खेलते घर आ गए, ये खबर पढ़ आप भी मुस्कुरा देंगे
Monday, Oct 13, 2025-01:05 PM (IST)
ग्वालियर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की युगल पीठ ने चार साल से अलग रह रहे दंपती को फिर से मिलाने की मिसाल पेश की है। अदालत की पहल से दोनों के बीच चली आ रही तल्खियां खत्म हुईं और अब उन्होंने कहा है कि वे साथ रहना चाहते हैं, तलाक नहीं चाहिए।
न्यायमूर्ति आनंद पाठक और पुष्पेंद्र यादव की पीठ ने दोनों को 30 दिन साथ रहने की सलाह दी थी, ताकि वे आपसी मतभेद सुलझा सकें। निर्देश के बाद पति–पत्नी एक महीने तक साथ रहे और 9 अक्टूबर को कोर्ट में उपस्थित होकर कहा कि अब उनका विवाद खत्म हो गया है।
कोर्ट ने कहा – विवाह का उद्देश्य साथ रहना है, मुकदमा नहीं
पीठ ने टिप्पणी की, कि जब दोनों पक्ष आपसी सहमति से एक साथ रहना चाहते हैं, तो न्यायालय का उद्देश्य भी पारिवारिक जीवन में शांति और स्थायित्व स्थापित करना है। पत्नी ने कोर्ट में कहा कि अब वे पति के साथ रहना चाहती हैं और कुछ छोटी शिकायतें हैं, जिन्हें आपसी समझ से हल किया जा सकता है। अदालत ने भी कहा कि वैवाहिक जीवन में सहनशीलता और संवाद ही सबसे बड़ा समाधान है।
2022 से अलग रह रहे थे दोनों
भिंड जिले के रहने वाले दंपति के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद होने लगा था। दोनों 2022 में अलग हो गए और पत्नी ने कुटुंब न्यायालय, भिंड में तलाक का आवेदन दिया था, जिसे 2023 में कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद प्रभाकर ने हाईकोर्ट में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत तलाक की याचिका दायर की।
कोर्ट के आदेश के बाद हुआ पुनर्मिलन
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 3 सितंबर 2025 को दोनों को एक माह तक साथ रहने का निर्देश दिया था। साथ रहने के बाद दोनों में मतभेद दूर हो गए और उन्होंने तलाक की याचिका वापस लेने की सहमति जताई। पत्नी पति के खिलाफ दायर सभी आपराधिक और दीवानी प्रकरण 15 दिनों में वापस लेंगी। पति द्वारा जमा कराई गई स्थायी भरण-पोषण राशि की वापसी की जाएगी। दोनों ने अदालत में वादा किया कि वे सम्मान और शांति से साथ रहेंगे तथा एक-दूसरे को किसी प्रकार की प्रताड़ना नहीं देंगे।

