बेटी की शादी वाले दिन सिर से उठा पिता का साया, मातम के बीच बजी शहनाई, मंदिर से हुई विदाई

Saturday, Jan 18, 2025-08:07 PM (IST)

दमोह (इम्तियाज चिश्ती) : मध्य प्रदेश के दमोह जिले में मानवता की एक अनूठी मिसाल सामने आई है। दमोह जिले के हटा ब्लॉक के चकरदा गांव में एक बेटी की शादी से महज 8 घंटे पहले उसके पिता का बीमारी के चलते निधन हो गया, लेकिन गांव के लोगों ने परिवार बनकर उसकी शादी संपन्न कराई। यह घटना 15 जनवरी की है, जब रात करीब 11 बजे शांति रैकवार के पिता अशोक रैकवार (42) की मृत्यु हो गई।

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अगले दिन सुबह 8 बजे से शांति का विवाह सागर निवासी अंकित रैकवार से होना था। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार मृत्यु के बाद सूतक लगने के कारण घर में विवाह संभव नहीं था। इस मुश्किल घड़ी में चकरदा और धूमा गांव के लोग आगे आए और उन्होंने धूमा गांव के मंदिर में बेटी की शादी कराने का निर्णय लिया। सभी ग्रामीणों ने मिलकर शादी की तैयारियां की और आर्थिक मदद भी की। धूमा गांव के बुजुर्ग भग्गन पिता बिहारी रैकवार ने धर्म पिता बनकर कन्यादान किया।

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दूल्हा अंकित ने ग्रामीणों के इस सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि ससुर के निधन के बाद गांव वालों ने जो मदद की, वह अविस्मरणीय है। गांव के पुष्पेंद्र पटेल ने बताया कि सूतक के कारण घर में विवाह संभव नहीं था, इसलिए पड़ोसी गांव के मंदिर में शादी कराई गई। इस तरह गांव वालों ने मिलकर एक बेटी की शादी में माता-पिता की भूमिका निभाई और मानवता की मिसाल कायम की।

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आठ बेटियों में दो की हुई शादी

मृतक अशोक रैकवार की आठ बेटियां हैं। बेटा एक भी नहीं है। 1 साल पहले बड़ी बेटी की शादी हुई थी और शांति दूसरे नंबर की बेटी है, जिसका विवाह हुआ है। अभी 6 बेटियां और अविवाहित है। अशोक लंबे समय से कैंसर रोग से जूझ रहे थे और 15 जनवरी की रात उन्होंने अंतिम सांस ली।


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Content Writer

meena

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