भीम आर्मी और दलित नेताओं की चेतावनी, अनिल मिश्रा और भिंड पेशाब कांड पर जल्द कार्रवाई हो, सड़कों पर उतरे तो संभाल नहीं पाएंगे

Tuesday, Oct 28, 2025-08:33 PM (IST)

ग्वालियर (अंकुर जैन) : मध्य प्रदेश के भिंड में 20 अक्टूबर को दलित युवक को अगवा कर पेशाब पिलाने के मामले ने अब राजनीतिक और सामाजिक तूल पकड़ लिया है। इस घटना को लेकर जहां दलित संगठन सड़क पर हैं और एडवोकेट अनिल मिश्रा को जातंकवाद बताते हुए एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं अब सवर्ण समाज भी मैदान में उतर आया है। मामले में दो जातियों के बीच तनाव की स्थिति बन गई है।

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दलित पिछड़ा समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदार यादव ने कहा कि कल हम अटेर में पेशाब कांड के पीड़ित से मिले थे। हमारी मांग है कि जैसे दमोह में NSA की कार्रवाई की गई, वैसे ही भिंड एसपी को इस मामले में सख्त एक्शन लेना चाहिए। वही दूसरी हमारी मांग है कि जो अनिल मिश्रा वकील है, जो कल भिंड में वहां के माहौल को खराब कर रहे थे। अगर वहां शासन प्रशासन ठीक काम कर रहा है तो उन्हें चेतावनी और धमकी दी गई। मेरी ग्वालियर के SP और कलेक्टर से मांग है कि ऐसा व्यक्ति जो पूरे अंचल की शांत माहौल खराब कर रहा है, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? अनिल मिश्रा ने बाबा साहब अंबेडकर पर विवादित टिप्पणी की तो महाराष्ट्र सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की लेकिन आपने उनके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट क्यों नहीं लगाया? हमारी दो मांगे मोहन सरकार से है। इनको पूरा किया जाए नहीं तो जो आंदोलन रोका गया था उसे दलित समाज फिर से शुरु करेगा। भीम आर्मी और दलित समाज सड़कों पर उतेरगा सरकार उसे संभाल नहीं पाएगी।

बता दें कि भिंड पेशाब मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसके विरोध में ब्राह्मण समाज के नेता और हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील अनिल मिश्रा ने सवर्ण समाज के कार्यकर्ताओं के साथ एसपी ऑफिस का घेराव किया। उन्होंने बिना जांच के तीन लोगों पर दर्ज एफआईआर को गलत ठहराया और भीम आर्मी के नेताओं पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर की मांग की।

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इस बीच, भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने डायमंड होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवर्ण समाज पर तीखे हमले बोले। उन्होंने कहा कि “यह मनुवादी लोग हैं जो नीच जाति के लोगों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को जातंकवाद का नाम दिया और मांग की कि ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भीम आर्मी नेता दामोदर यादव ने एडवोकेट अनिल मिश्रा को “दो जातियों में जहर घोलने वाला व्यक्ति” बताया और यहां तक कह दिया कि “उन्हें एडवोकेट किसने बना दिया।” उन्होंने कहा कि मैं तो यही पूछता हूं कि जो व्यक्ति कहता है कि बाबा साहब ने संविधान नहीं लिखा, वह कितना अज्ञानी है।” 

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण पर लगे आरोपों के सवाल पर दामोदर यादव ने कहा, “जो व्यक्ति समाज के लिए लड़ता है, उसे झूठे मामलों में फंसाया जाता है।” आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने इस घटना को “जातिवादी मानसिकता का परिणाम” बताया और कहा कि “ऐसे लोगों पर राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए।” मामले के बढ़ते विवाद को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।


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meena

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