165 साल की CAG विरासत पर बोले रमन सिंह- ‘जवाबदेही का सबसे मजबूत स्तंभ’ शुरू हुआ ऑडिट पखवाड़ा 2025

Thursday, Nov 20, 2025-05:30 PM (IST)

रायपुर (पुष्पेंद्र सिंह): छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज रायपुर में प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित ऑडिट पखवाड़ा 2025 का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम 20 नवंबर से 9 दिसंबर 2025 तक चलेगा, जिसका उद्देश्य कैग की स्थापना दिवस का स्मरण और शासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही को मजबूत करने में लेखा परीक्षा की भूमिका को रेखांकित करना है।

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कैग ‘पब्लिक फंड्स के संरक्षक’, केवल त्रुटि खोजने वाली संस्था नहीं: डॉ. रमन सिंह
अपने संबोधन में डॉ. रमन सिंह ने 165 वर्षों की कैग की ऐतिहासिक भूमिका को सलाम करते हुए कहा कि कैग अब केवल गलतियां खोजने वाली संस्था नहीं, बल्कि परिणाम-आधारित शासन को बढ़ावा देने और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने का प्रमुख साधन बन चुकी है। उन्होंने बताया कि संविधान ने कैग को विशेष शक्तियाँ इसलिए दी हैं ताकि सार्वजनिक धन का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

डॉ. सिंह ने आगे कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) ने भ्रष्टाचार का बड़ा स्रोत रहे बिचौलिए की संस्कृति को खत्म कर दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना की 21वीं किस्त का उदाहरण देते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक क्लिक से करोड़ों किसानों के खाते में सीधे राशि ट्रांसफर कर यह प्रमाणित किया है कि तकनीक आधारित पारदर्शिता कैसे शासन को नई दिशा दे सकती है। उन्होंने विश्वास जताया कि AI, डेटा एनालिटिक्स और रियल-टाइम मॉनिटरिंग आधारित यह ‘ऑडिट पखवाड़ा’ कैग-प्लस मॉडल की ओर एक निर्णायक कदम होगा।


प्रधान महालेखाकार कार्यालय की उपलब्धियांई-कुबेर, तेज सिविल अकाउंटिंग, 91% डेटा रिकन्सिलिएशन
कार्यक्रम में प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) श्री यशवंत कुमार ने कार्यालय की प्रमुख उपलब्धियाँ साझा कीं। उन्होंने बताया कि ई-कुबेर का सफल कार्यान्वयन, मासिक सिविल अकाउंट जमा करने की समयसीमा 25 तारीख से घटाकर 10 तारीख, 91% से अधिक डेटा रिकन्सिलिएशन, हाइब्रिड ऑडिट, डेटा एनालिटिक्स और IFMS 2.0 में अग्रणी भूमिका, ‘अनुपालन आधारित जाँच’ से आगे बढ़कर ‘गुणात्मक सुधार आधारित ऑडिट’ की दिशा में काम एक बड़ी उपलब्धियां हैं।  उन्होंने कहा कि ‘हमारा लक्ष्य सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता और सहयोग के साथ पारदर्शी और जवाबदेह शासन सुनिश्चित करना है।’

बता दें कि इस कार्यक्रम में दिनेश शर्मा (सचिव, विधानसभा), अरुण कुमार बिसेन (सचिव, विधानसभा अध्यक्ष), प्रियाती कावड़ो, एम.एस. डहरिया, जी. एजिलरसी, नितिन पुके, और प्रधान महालेखाकार कार्यालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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