Supreme Court ने ED को लगाई जोरदार फटकार, पूछा- शराब घोटाले में ऐसी कौन सी जांच है जो पूरी नहीं हो पा रही
Monday, Nov 17, 2025-08:24 PM (IST)
रायपुर: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कड़ी फटकार लगाते हुए सवाल किया कि अब तक कौन‑सी जांच बाकी है और इसे पूरा करने में कितना समय लगेगा। कोर्ट ने आदेश दिया कि जांच अधिकारी अपना पर्सनल एफिडेविट दाखिल करें और स्पष्ट करें कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ कौन‑सी जांच चल रही है।
Supreme Court ने बुधवार को आबकारी विभाग के अधिकारियों को पहले दी गई अंतरिम गिरफ्तारी सुरक्षा को स्थायी कर दिया। यह आदेश उन मामलों की सुनवाई के दौरान आया, जिनमें अधिकारियों पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की पीठ ने यह फैसला सुनाया। सुनवाई में सीनियर एडवोकेट एस. नागमुथु और सिद्धार्थ अग्रवाल (याचिकाकर्ताओं की ओर से) तथा सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी और एएसजी एस.डी. संजय (राज्य और ED की ओर से) की दलीलें सुनी गईं।
कवासी लखमा की गिरफ्तारी क्यों हुई?
ED का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा शराब सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट कार्य करता था और इसे शराब नीति बदलने में मदद मिलती थी। ED का दावा है कि लखमा के इशारे पर FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई और उन्हें आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। लखमा को 15 जनवरी 2025 को गिरफ्तार किया गया था और अब वह 10 महीने से जेल में बंद हैं। उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण कांग्रेस ने तत्काल इलाज की मांग की है।

