Cough syrup कांड पर दिग्विजय की PM से मांग, SC के सिटिंग जज की निगरानी में हो जांच, केंद्र-राज्य की भूमिका संदिग्ध
Saturday, Oct 25, 2025-03:03 PM (IST)
भोपाल/छिंदवाड़ा: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सीरप पीने से बच्चों की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर गंभीर सवाल उठाए।
दिग्विजय सिंह की प्रेस कांफ्रेंस Live...
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य स्वास्थ्य विभाग की भूमिका संदिग्ध है और उनकी कार्यप्रणाली की जांच जरूरी है।
कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया
दिग्विजय सिंह ने मामले में बड़े सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़ी कमेटियों की बैठकें 2013 से अब तक हुई भी हैं या नहीं? अगर हुईं, तो उनके निर्णय क्या थे?’ दिग्विजय सिंह ने बताया कि जांच में सामने आया है कि सीरप में डाई एथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा अनुमत सीमा (0.1%) से कई गुना अधिक थी, जिससे यह घातक साबित हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दवा निर्माण में मिलावट के मामलों में पहले सजा का प्रावधान हटाकर केवल जुर्माना लागू कर दिया, जिससे ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि फार्मा कंपनियों के साथ केंद्र सरकार के वित्तीय रिश्ते इस नरमी के पीछे हैं।
दिग्विजय ने आगे कहा कि साल 2023 में बीजेपी को फार्मा कंपनियों से 945 करोड़ रुपये का चंदा मिला। यही वजह है कि सरकार सभी दवाइयों की फार्मासिटिकल टेस्टिंग नहीं करा रही। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि इस घटना में 2 सितंबर को पहले बच्चे की मौत हुई थी, लेकिन जांच से पहले ही उप मुख्यमंत्री ने निर्माता कंपनी को क्लीन चिट दे दी। बिना जांच क्लीन चिट कैसे दी गई? क्या ऐसे व्यक्ति को पद पर बने रहना चाहिए? स्वास्थ्य मंत्री को तो तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला केवल छिंदवाड़ा या मध्यप्रदेश का नहीं, बल्कि पूरे देश की स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है।

