15 लाख के बीमे के लिए अपने बेटे को ही मार डाला! गांव वाले पहुंचे घर तो हुआ बड़ा खुलासा
Thursday, Sep 11, 2025-02:53 PM (IST)

नर्मदापुरम: मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के उमरधा गांव से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पिता और चाचा ने बीमा क्लेम के लिए अपने जिंदा बेटे को कागजों पर मृत घोषित कर दिया। परिवार ने फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर बीमा कंपनी से 15 लाख रुपए का दावा करने की कोशिश की, लेकिन गांव की परंपरा ने उनकी साजिश का भंडाफोड़ कर दिया।
ऐसे हुआ खुलासा?
गांव में रक्षाबंधन के बाद भुजरिया देने की परंपरा है। जब ग्रामीण राजेंद्र कुशवाह के घर पहुंचे तो परिवार ने खुद ही बता दिया कि नर्मदा कुशवाह जीवित है और इलाज के लिए बिस्तर पर है। इस पर मामला उजागर हो गया और पंचायत ने तुरंत बीमा कंपनी को सूचना दी।
फर्जीवाड़े की पूरी कहानी?
राजेंद्र कुशवाह और उनके भाई हल्के भैया ने बेटे नर्मदा को मृत घोषित कर 27 मार्च को अंतिम संस्कार का झूठा दावा किया। 12 अप्रैल को नर्मदा का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी हो गया। बीमा एजेंट की मदद से उन्होंने एलआईसी और फाइनेंस कंपनी से क्लेम पाने की योजना बनाई थी। नर्मदा वास्तव में जिंदा है, लेकिन रीढ़ की हड्डी टूटने के कारण पिछले दो साल से बिस्तर पर है।
बीमा कंपनी की जांच
29 अगस्त को एलआईसी अधिकारियों ने गांव पहुंचकर जांच की। ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि नर्मदा जीवित है। मौके पर पंचनामा बनाकर फर्जीवाड़े की पुष्टि कर दी गई। पिता राजेंद्र कुशवाह ने लिखित में स्वीकार किया कि उन्होंने क्लेम की राशि बेटे के इलाज में खर्च करने के इरादे से यह कदम उठाया। उन्होंने कहा कि अगर 15 लाख रुपए मिल जाते तो सारा पैसा बेटे के इलाज में लगाते। ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने विभागीय जांच के बाद ही मामला दर्ज करने की बात कही।
परिवार फरार
फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद से राजेंद्र कुशवाह, उनका भाई और बेटा नर्मदा गांव से गायब हैं। सूत्रों का कहना है कि वे पिपरिया में एक किसान के खेत पर काम कर रहे हैं और वहीं छिपे हुए हैं।