Indore Water Crisis: 8 मौतों के बाद जागा प्रशासन, सर्वे में 2700 घरों में मिले 1200 से ज्यादा बीमार, पानी पीने से भी डर रहे लोग
Wednesday, Dec 31, 2025-12:27 PM (IST)
इंदौर : देश के सबसे स्वच्छ शहर के नाम से पहचाने जाने वाले मध्यप्रदेश के इंदौर से एक बेहद डराने वाली तस्वीर सामने आई है। शहर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से अब तक 8 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन हरकत में आ गया है।
भागीरथपुरा क्षेत्र के कुल 2703 घरों का सर्वे किया गया, जिसमें करीब 12 हजार लोगों की जांच की गई। जांच में 1200 से अधिक लोग बीमार पाए गए हैं। हालात ऐसे हैं कि लगभग हर घर में कोई न कोई सदस्य उल्टी-दस्त और डिहाइड्रेशन से पीड़ित है। क्षेत्र में डर का माहौल है और लोग पानी पीने से भी घबरा रहे हैं। मंगलवार को नगर निगम ने टैंकरों से पानी की आपूर्ति शुरू की, लेकिन स्थानीय लोगों का निगम पर भरोसा टूट चुका है। रहवासियों ने टैंकर का पानी पीने से इनकार कर दिया और आरओ का पानी मंगवाकर उपयोग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि समय रहते शिकायतों पर ध्यान दिया गया होता तो हालात इतने भयावह नहीं होते।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, भागीरथपुरा की 14 गलियों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीमें घर-घर जाकर जांच कर रही हैं। गंभीर मरीजों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा जा रहा है। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा क्लोरीन टैबलेट, जिंक और ओआरएस के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। साथ ही माइकिंग के जरिए उबला पानी पीने, बाहर का खाना और कटे फल न खाने की समझाइश दी जा रही है।
111 मरीज अस्पताल में भर्ती, 35 की हालत गंभीर
अब तक सरकारी और निजी अस्पतालों में 111 मरीज भर्ती किए गए हैं, जिनमें से करीब 35 मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में 4 एंबुलेंस तैनात हैं। 14 डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम लगातार निगरानी कर रही है, जिसमें एमवाय अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉक्टर भी शामिल हैं। सर्वे में 1146 मरीजों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया, जबकि 18 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
अस्पतालों में भयावह हालात
अस्पतालों में भर्ती मरीजों की हालत बेहद चिंताजनक है। मरीजों को बेड पर ही बाल्टी रखनी पड़ रही है, क्योंकि लगातार उल्टियां हो रही हैं। वर्मा अस्पताल में 22 बेड की क्षमता के बावजूद करीब 35 मरीजों का इलाज चल रहा है। हालांकि कुछ मरीजों को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी भी दी गई है। भागीरथपुरा में फैली इस बीमारी ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है। स्वच्छता की राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में दूषित पानी से फैली इस त्रासदी ने प्रशासनिक व्यवस्था और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

