सिंधिया राजघराना संपत्ति विवाद: हाईकोर्ट ने 90 दिन में सहमति से सुलझाने के दिए निर्देश

Friday, Sep 19, 2025-03:15 PM (IST)

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के चर्चित सिंधिया पूर्व राजघराने में करीब 40,000 करोड़ रुपए की संपत्ति को लेकर पिछले डेढ़ दशक से चला आ रहा विवाद सुलझने की उम्मीद जगी है। ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी तीनों बुआओं - वसुंधरा राजे, यशोधरा राजे और उषा राजे को आपसी सहमति से विवाद निपटाने के लिए कहा है। अदालत ने इसके लिए 90 दिन की समयसीमा तय की है।

बता दें कि 2010 में उषा राजे, वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे ने अपने भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ वाद पत्र दायर किया था। उनका कहना था कि पिता की संपत्ति में बेटियों का भी बराबर का अधिकार है। इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी संपत्ति पर अपना दावा पेश किया।

मामला पहले जिला कोर्ट में लंबित रहा। बाद में पुराने मामलों के त्वरित निपटारे के निर्देशों के चलते यह हाईकोर्ट पहुंचा। 2017 से सिविल रिवीजन लंबित थी। अब हाईकोर्ट के ताज़ा आदेश के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि राजघराने के भीतर चल रहा यह बड़ा विवाद आपसी बातचीत से खत्म हो सकता है। अगर 90 दिनों में सहमति नहीं बनती, तो अदालत आगे सुनवाई कर सकती है।

सिंधिया राजघराने की संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद में मंगलवार को अदालत में सुनवाई हुई थी जिसमें तीनों बुआओं के अधिवक्ताओं ने सहमति से विवाद खत्म करने की अर्जी लगाई और सिविल रिवीजन वापस ले ली। हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों को समझौते के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। दोनों पक्ष अब 90 दिनों यानी 3 महीनों के भीतर समझौता कर लें। अगर तय समय में समझौता नहीं हुआ तो याचिका फिर से बहाल कर दी जाएगी।

गौरतलब है कि 2010 में सिंधिया की ओर से अदालत में दिए गए आवेदन में कहा गया था कि वे आपसी सहमति द्वारा विवाद का निराकरण करने के लिए सहमत है। इसके लिए कोर्ट के समक्ष आवेदन भी पेश किया था। लेकिन दुर्भाग्य से इसमें कोई प्रगति नहीं हुई। इसके बाद अगली सुनवाई में भी सिंधिया ने प्रकरण का निराकरण आपसी सहमति से करने के लिए इच्छा जताई थी और कहा था कि कोर्ट द्वारा जो भी आदेश पारित किया जाता है। इसके पालन के लिए वे तैयार हैं।


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meena

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