सिंधिया पर जयवर्धन सिंह का बहुत बड़ा हमला, कहा-सिंधिया विपक्ष में नहीं रह सकते,जहां सत्ता होती है वहां भागते हैं

Friday, Nov 28, 2025-07:45 PM (IST)

गुना (मिसबाह नूर): पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने गुना जिले के बागेरी में खाद वितरण केंद्र पर आदिवासी किसान भुरियाबाई की मौत की घटना को लेकर राज्य सरकार और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तीखा हमला बोला है। जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया कि सिंधिया विपक्ष में नहीं रह सकते और जहाँ सत्ता होती है, वहाँ भागते हैं।

सिंधिया दिल्ली में रहते हैं, तीन महीने में एक बार आते हैं-जयवर्धन

जयवर्धन सिंह ने सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि सिंधिया दिल्ली में रहते हैं और तीन महीने में एक बार आते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की लापरवाही से किसी परिवार का नुकसान होता है, तो विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वह पीड़ितों के मुद्दे को उठाए। उन्होंने सिंधिया को सलाह दी कि उन्हें और दौरे करने चाहिए, जनता के बीच रहना चाहिए, पीड़ित परिवारों से मिलना चाहिए और उनके दर्द को समझना चाहिए।

समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदी की मांग रखी थी,अभी तक नहीं भेजी डिमांड

जयवर्धन सिंह ने दावा किया कि गुना जिले में इस बार 90 प्रतिशत मक्का की फसल हुई है, जिसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 2400 है, लेकिन वह बाजार में 1200 से 1700 के बीच बिक रहा है। इससे किसान को लगभग 1000 प्रति क्विंटल का घाटा हो रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदी की मांग रखी थी। जब बमौरी विधायक ऋषि अग्रवाल ने भी पत्र लिखा, तो उन्हें केंद्र सरकार से जवाब मिला कि मध्य प्रदेश सरकार ने खरीदी की डिमांड तक नहीं भेजी है।

भाजपा सरकार ने किसानों को निचोड़ दिया है- जयवर्धन

जयवर्धन ने सीधे तौर पर भाजपा सरकार पर किसान को निचोड़ने का आरोप लगाया। जयवर्धन ने बागेरी की घटना को दुखद बताया और कहा कि पहले डीएपी और अब यूरिया के लिए किसान पूरे प्रदेश में परेशान हो रहा है। उन्होंने सवाल किया कि जब प्रशासन के संज्ञान में है कि प्रतिदिन हजारों लोग वितरण केंद्रों पर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक एकत्रित हो रहे हैं, और उनके लिए न तो पानी की व्यवस्था है और न ही बैठने की, तो ऐसी घटना होना ही थी।

उन्होंने सरकार से अपील की है कि भुरियाबाई के परिवार को अधिक से अधिक सहायता दी जाए। उन्होंने गंभीर सवाल उठाए कि आखिर आदिवासी महिला को खाद के लिए 10-12 घंटों का इंतजार क्यों करना पड़ा, और वितरण केंद्रों पर महिला और दिव्यांगों के लिए अलग लाइन की व्यवस्था क्यों नहीं थी? उन्होंने इस घटना को सरकार की लापरवाही बताया और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।

 


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Desh sharma

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