लाडली बहना की व्यथा- मैं पात्र हूं, नहीं मिल रहा योजना का लाभ...सरकारी विभाग में अटकी शिकायतें, समाधान कोई नहीं
Tuesday, Oct 21, 2025-11:56 AM (IST)
भोपाल : मध्य प्रदेश की सीएम हेल्पलाइन और शिकायत पोर्टल्स जनता की आवाज़ बनने के लिए शुरू किए गए थे, लेकिन अब यही मंच शिकायतों से भरे पड़े हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में 1 लाख 84 हजार 990 शिकायतें ऐसी हैं जिन्हें 100 दिन से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन उनका अभी तक निराकरण नहीं हो सका है। सबसे ज्यादा शिकायतें महिला एवं बाल विकास विभाग में हैं। मंत्री निर्मला भूरिया के विभाग में 25 हजार शिकायतें लंबित हैं। वहीं खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग (मंत्री गोविंद सिंह राजपूत) की 21 हजार शिकायतें भी 100 दिन से अधिक पुरानी हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग (मंत्री कैलाश विजयवर्गीय) के अधीन 5300 से अधिक लोग सड़क, नाली, सीवेज और स्ट्रीट लाइट की समस्या से परेशान हैं। कई इलाकों में गंदगी, बदबू और मच्छर जनित बीमारियां बढ़ती जा रही हैं।
जनता की व्यथा – “मैं पात्र हूं, पर योजना का लाभ नहीं मिल रहा”
लाड़ली बहना योजना, राशन कार्ड, प्रसूति सहायता और नल-जल जैसी बुनियादी योजनाओं में लोग लाभ से वंचित हैं। कई महिलाओं का कहना है कि वे पात्र होते हुए भी उन्हें योजना का पैसा नहीं दिया जा रहा। कुछ क्षेत्रों में नल-जल योजना की मोटरें महीनों से खराब पड़ी हैं, जिससे पानी की भारी समस्या है।
विशेषज्ञ बोले – मॉनिटरिंग नहीं, इसलिए बढ़ रहीं शिकायतें
सामाजिक मामलों के जानकार राजकुमार सिन्हा का कहना है कि “मंत्रियों और विभागीय सचिवों की निगरानी कमजोर है। अगर विभाग सक्रिय रहते तो शिकायतों का यह पहाड़ नहीं खड़ा होता।”उनका मानना है कि शिकायतों का निराकरण 8 से 10 दिनों के भीतर होना चाहिए, लेकिन फिलहाल अफसरशाही की लापरवाही के चलते लोग सीएम हेल्पलाइन से लेकर सीपीग्राम तक भटकने को मजबूर हैं।
सरकार की कोशिशें जारी, लेकिन असर कम
सरकार सीएम हेल्पलाइन पर मॉनिटरिंग बढ़ा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर नहीं दिख रहा। लोगों की उम्मीदें और शिकायतें दोनों ही अब सिस्टम की फाइलों में अटकी हुई हैं।

