जब 14 लाख की ईनामी नक्सली 22 साल की सुनीता सहमी सी होकर खतरनाक राइफल के साथ सरेंडर करने पहुंची तो देखते रह गए सब

Tuesday, Nov 04, 2025-05:08 PM (IST)

(डेस्क): बालाघाट में 14 लाख की इनामी नक्सली सुनीता के आत्मसमर्पण को एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। सबसे अहम बात ये है कि सुनीता की उम्र महज 22 साल है और वो कुख्यात माओवादी कमांडर सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) रामदेर की सुरक्षा गार्ड रह चुकी थी।

सहमी और नर्वस सुनीता को देखकर हर कोई हैरान

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जब सुनीता ने सरेंडर किया को वो एक मासूम लड़की लग रही थी, सब उसको देखकर हैरान हो रहे थे। हाथों में हथियार लिए और चेहरे पर अजीब सा भाव सुनीता की मनोदशा  बयान कर रहा था। उसको देखकर हर कोई सोच रहा था कि आखिर इतनी सी उम्र में कोई ऐसे खतरनाक कामों को अंजाम दे सकता है।सुनीता जब हाथों में अपनी इंसास राइफल और तीन मैगजीन लेकर सरेंडर करने के लिए पहुंची तो सारे देखते ही रह गए। अधिकारी उसको बेटा कहकर सवाल पूछ रहे थे और उसके बारे में जानना चाह रहे थे, लेकिन सुनीता इतनी चकाचौंध और लोग देखकर शायद नर्वस हो रही थी । वो ज्यादा कुछ नहीं बोल पा रही थी।

3 राज्यों की सरकारों ने रखा था 14 लाख का इनाम

आप सुनीता के आत्मसमर्पण की अहमियत को इस बात से समझ सकते है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्यों की सरकारों की ओर से 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सुनीता 2022 में माओवादी संगठन से जुड़ी थी और शामिल होने के बाद उसने माड़ क्षेत्र में छह महीने का कड़ा प्रशिक्षण लिया था।  प्रशिक्षण पूरा होते ही उसे तत्काल प्रभाव से सबसे प्रमुख कमांडरों में से एक रामदेर टीम में सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त किया गया था।

सरकार सुनीता को बसाने का करेगी पूरा काम

आपको बता दें कि 80 से ज्यादा नक्सलियों ने सरकार के अनुरोध पर आत्मसमर्पण किया है। सरकार इनके लिए सम्मान से जीने वाली 'पुनर्वास योजना' लेकर आई है। मध्य प्रदेश सरकार की सरेंडर नीति के तहत उसे इनाम और पुनर्वास लाभ मिलेंगे। सुनीता को भी मुख्यधारा में लौटने के लिए और फिर से जिंदगी शुरु करने के लिए सरकार पूरी मदद करेगी।


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Content Editor

Desh sharma

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