इंदौर में दूषित पानी पीने से 7 लोगों की मौत की पुष्टि, विजयवर्गीय बोले- कुछ नेचुरल डेथ, कांग्रेस बोलीं- असली आंकड़े छिपा रही सरकार
Wednesday, Dec 31, 2025-01:21 PM (IST)
इंदौर (सचिन बहरानी) : देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त होने से आठ लोगों के मरने का दावा किया जा रहा है जबकि प्रशासन का कहना है कि डायरिया से केवल 7 मरीजों की जान गई है। स्थानीय लोगों का दावा है कि दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त की वजह से आठ लोगों की जान चली गई।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव भागीरथपूरा पहुंचे जहां उन्होंने 7 मौत होने की पुष्टि की। मीडिया से बात करते हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कल तक तीन लोगों की मृत्यु के समाचार स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए थे, लेकिन अभी अनअधिकृत तौर पर चार लोगों के मृत्यु होने की जानकारी आई है। जिसकी पुष्टि अभी स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच पड़ताल करने के बाद ख़ुद की जाएगी। अब तक कुल सात मौत होने की जानकारी मुझे मिली है।

प्रथम दृष्ट्या एक जगह ड्रेनेज का पानी मिक्स होने का पता चला है बाक़ी जगह जांच की जा रही है। जहां जहां से पानी ख़राब की शिकायत आ रही है, वहां वहां पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। अब तक 116 मरीज़ सामने आ चुके हैं जिसमें कई मरीज़ों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन अस्पताल में मरीज़ों से पैसे लिए जा रहे हैं वहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा आदेश जारी किया जा रहा है। महौपार ने कहा कि मैंने लिखित में आदेश जारी किया कर दिया है और उन सभी परिवार के पैसे वापस कराए जाएंगे।
वहीं मरीज़ों का जाना हाल चाल जानने भागीरथ पूरा मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बयान भी सामने आया है। उन्होंने मीडिया से की बात करते हुए बताया कि मरीज़ों की संख्या कम हुई है और अभी भी मरीज़ लगातार आ रहे हैं। एमवाय अस्पताल और अरविंदो अस्पताल अभी भारी तादाद में बेड की व्यवस्था की गई है। मौत को लेकर कहा कुछ लोगों की दूषित पानी पीने के कारण मौतें हुई है और कुछ नैचरल डेथ भी हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसका पूरा प्रशिक्षण किया जा रहा है। उसके बाद ही आंकड़े जारी किए जाएंगे। वहीं उन्होंने घटना को लेकर कहा कि चूक तो हुई है और दोषियों को किसी भी क़ीमत पर बख़्शा नहीं जाएगा।

वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों के अनुसार, भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी पीने से बीमार पड़ने के बाद पिछले एक सप्ताह में छह महिलाओं सहित आठ लोग दम तोड़ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में नंदलाल पाल (70), उर्मिला यादव (60) और तारा कोरी (65) की डायरिया से मृत्यु हुई है। इस घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने तथा सभी मरीजों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने की घोषणा की है।
प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भागीरथपुरा क्षेत्र में नगर निगम के एक जोनल अधिकारी और एक सहायक अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक प्रभारी सब-इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। अधिकारी ने बताया कि दूषित पेयजल कांड की जांच के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने बताया कि भागीरथपुरा में जलापूर्ति की मुख्य पाइपलाइन में उस स्थान पर लीकेज पाया गया है, जिसके ऊपर एक शौचालय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि संभवतः इसी लीकेज के कारण पेयजल दूषित हुआ।
इस बीच, कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने आरोप लगाया कि प्रशासन दूषित पेयजल कांड में अपनी गंभीर लापरवाही छिपाने के लिए मृतकों का वास्तविक आंकड़ा छिपा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘दूषित पेयजल कांड ने देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की छवि पर बदनुमा दाग लगा दिया है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज लीपापोती की जा रही है।''

