रखे रखे जबलपुर में सड़ा दिया 254 क्विंटल चना, पंजाब केसरी की खबर देख 1 साल बाद नींद से जागे अधिकारी, शुरू की जांच

12/10/2022 6:17:15 PM

जबलपुर(विवेक तिवारी): गरीबों को वितरित करने आया चना राशन दुकानों तक तो पहुंचा लेकिन गरीबों तक नहीं पहुंच पाया, साल भर कुछ राशन दुकानदार इसको दुकान में रख सड़ाते रहे तो कुछ राशन दुकानदार इस चने को बाहर बाजार में बेच चुके हैं, वही जिस अधिकारी की जिम्मेदारी इस सब व्यवस्था को देखने को थी वे साल भर नींद में सोई रही। जब पंजाब केसरी ने खुलासा किया तब कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रोशनी पांडे जागी है और जांच की बात कर रही है, लेकिन 1 साल से वे कहां थी इसका जवाब उनके पास नहीं है। साल 2022 अप्रैल माह में गरीब कार्डधारकों को दिए जाने वाले राशन को प्रशासन ने निःशुल्क प्रति कार्ड 1 किलो चना वितरण करने के लिए भेजा था। शेष चने को कल्याणकारी संस्थाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजा जाना था, पर जबलपुर में बैठे उच्चअधिकारियों ने राशन दुकानों में भेजे गए चने को जानबूझकर ऑफलाइन भेजा गया था, जिसके चलते पीएसओ मशीन में उसका वितरण और बिल नहीं आया, न ही वितरण संबंधित कोई आदेश दिया गया था, अप्रैल माह के बाद से ही सेल्समेनों, समिति प्रबंधकों द्वारा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रोशनी पांडेय से दुकान में रखे चने को बांटने संबंधी जानकारी कई बार पूछनी चाही, पर कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा चने को बांटने कोई आदेश नहीं दिया गया, जिसके चलते 8 माह तक रखा 254 क्विंटल चना अब गुणवत्ताविहीन हो चुका है।  सूत्रों की माने तो अब अधिकारी इस चने को गरीबों में वितरित कर अपनी खाना पूर्ति करने में जुट जुट गए हैं।

वहीं कुछ सेल्समेनों ने दबी जुबान में बताया कि कई दुकानों में रखा चना सेल्समेनों ने बेच दिया है, जिसके बाद से समिति प्रबंधकों की नींद उड़ गई है। पंजाब केसरी में समाचार प्रकाशित होने के 1 सप्ताह बाद भी प्रबंधकों को यह भी नहीं पता कि उनके अंतर्गत आने वाली समस्त दुकानों में कुल कितना चना शेष रखा है। आनन फानन में प्रबंधकों ने अपने रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए है। प्रत्येक प्रबंधक अपने क्षेत्रअंतर्गत आने वाली समस्त राशन दुकानों के विक्रेताओं को सूचना पत्र देकर चने एवं रखे स्टॉक की जानकारी प्रदान करने कह रहे हैं। लेकिन 1 सप्ताह बाद भी उन्हें अब जानकारी देने कोई राशन विक्रेता नहीं आया।

PunjabKesari

पनागर में 90 राशन दुकान संचालित

पनागर क्षेत्र अंतर्गत लगभग 90 राशन दुकानें है जो 9 समितियों जिनमें पनागर, छत्तरपुर, सिंगोद, कुशनेर, महाराजपुर, नरेन्द्रपुर, नूनीयाकला, नगनां और सोनपुर शामिल है, जिनमें 8 समिति प्रबंधक हैं। पनागर के ही समिति के अंतर्गत पनागर एवं छतरपुर दो समितियां आती है जिनके अंतर्गत 16 से भी अधिक राशन दुकान है। पनागर में ही 2 दुकानें संचालित हैं, जिसमें लगभग 4000 राशन कार्डधारक हैं।  प्रति कार्ड के हिसाब से देखा जाए तो सिर्फ पनागर में ही 40 क्विंटल चना आया था। चने की खबर छपते ही समूचे सेल्समेनों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। अब समिति प्रबंधकों द्वारा बार-बार राशन विक्रेताओं से दुकानों में रखे चने एवं अन्य खाद्यान्नों के स्टॉक की जानकारी लेने संबंधित बार-बार जानकारी मांगी जा रही है लेकिन सेल्समैनों द्वारा जानकारी देने में अब तक हीलाहवाली की जा रही है। जानकारी में आया कि कई दुकानें ऐसी हैं जिनमें चना है ही नहीं।  वही दबी जुबान से लोग यह भी कहते भी नजर आए कि सेल्समैन और समिति प्रबंधकों की मिलीभगत से उक्त चने को बेच दिया गया है।

इनका कहना है 

जनवरी माह में आने वाला चना अप्रैल माह में ऑफलाइन आया था, जिसे ऑफलाइन ही बांटना था, मैंने सभी को पहले ही बांटने के आदेश दे दिए थे, नहीं बांटा गया, चने के गुणवत्ता की जांच की जा रही है। रोशनी पांडेय कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी

हम लोगों के पास चना आया था, पर उसे बांटने का कोई आदेश नहीं आया, जैसा भेजा था आज भी रखा है, अब आगे जैसा अधिकारी कहेंगे, आदेश मानेंगे - रामस्वरूप रजक, समिति प्रबंधक सिंगोद

दुकान में रखे चने को बांटने के लिए कई बार अधिकारी से पूछा पर जब तक कोई आदेश नहीं होगा, किस आधार पर बांट दें, 8 माह से चना आज भी रखा है। अधिकारी चाहे तो जांच लें-  मुकेश पटेल सेल्समेन छत्तरपुर राशन दुकान


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

meena

Recommended News

Related News