जिले में हर साल 300 नवजात तोड़ रहे दम, कारण है चौंकाने वाला

9/8/2018 12:31:41 PM

रीवा : प्रसूलाओं  के लिए विभिन्न योजनाओं के लागू होने के बावजूद भी शिशु मृत्युदर में कमी नहीं आ रही है। आलम यह है कि जिले में हर वर्ष करीब 300 से ज्यादा नवजात दम तोड़ रहे हैं, वही प्रसूताओं की मौत का सिलसिला भी बना हुआ है। ताजा मामला जिले के गांधी मेमोरियल अस्पताल का है। यहां जनवरी से लेकर अभी तक 187 नवजात बच्चों ने अपनी जान गंवा दी है। जबकि पिछले साल इस समय तक करीब सवा सौ नवजात बच्चों की मौत हुई थी। सरकार मातृ एवं शिशु मृत्युदर कम करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, योजनाओं का संचालन भी कर रही है। लेकिन इन योजनाओं को सही तरीके से संचालित नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि प्रसूताओं को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। जिसकी बजह से शिशु मृत्युदर काफी बढ़ रही है। प्रसूता एवं उनके परिजनों के लापरवाही से भी यह आकड़ा बढ़ रह है।
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यह है सबसे बड़ी समस्या
जानकारी के अनुसार जिन नवजात बच्चों की मां की पेट या फिर पैदा होने के कुछ देर बाद मौत हो जाती है। ऐसे अधिकतर केस पानी की कमी वाले आते है। डॉक्टरों के अनुसार लापरवाही बरतने के कारण ऐसा होता है। इसके अलावा कैल्शियम आयरन एवं प्रसूता को फिट्स आने के कारण भी बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। जिसकी बजह से उसकी मौत हो जाती है।

 


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suman

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