धूल खा रहे 4 करोड़ 80 लाख, एक दिन भी नहीं चली सिटी बस
Tuesday, Sep 13, 2022-06:22 PM (IST)

कवर्धा (सतेंद्र शर्मा): पैसों का बंदरबांट देखना हो तो कवर्धा में देखा जा सकता है। यहां राज्य सरकार द्वारा आम लोगों को सहूलियत देने के लिए 4 करोड़ 80 लाख की लागत से 10 सिटी बसों की खरीदी की गई। लेकिन आज ये बसे कबाड़ हो चुकी है। सभी बस शहर से बाहर ग्राम घुघरी के अटल आवास में धूल खा रही है। हालात यह है कि ज्यादातर बसों के पहिये, इंजन, बैटरी गायब है। यही नहीं शीशे टूट चुके हैं और सीट भी खराब हो चुकी है।
मामला सामने आने के बाद नगर पालिका द्वारा राज्य सरकार को फिर से बसों का मरम्मत कर संचालन के लिए राशि की मांग की है। तत्कालीन विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया गया। लेकिन इसका लाभ किसी को नहीं मिला है। दरअसल 2015 में तत्कालीन राज्य सरकार की ओर से कवर्धा में बसों का संचालन राजनांदगांव के एक निजी फार्म के साथ समझौता किया। लेकिन राजनांदगांव के फार्म ने कवर्धा के प्राइवेट फर्म को बसों का संचालन की जिम्मेदारी दे दी।
कुछ साल तक कवर्धा शहर से लेकर बोड़ला, लोहारा, पंडरिया, भोरमदेव व सरोधा सहित अलग अलग मार्गो में बसों का संचालन हुआ। लेकिन कोरोना के बाद संचालकों ने घाटा होने की बात कहते हुए बसों का संचालन बंद कर दिया गया। आज ये बस लगभग 3 साल से कबाड़ की तरह ग्राम घुघरी में पड़ा हुआ है। अगर इन बसों का मरम्मत किया जाता है, तो 50 लाख से अधिक राशि खर्च करना पड़ेगा। फिलहाल एक बार फिर से राज्य सरकार से राशि लेकर बसों की मरमरत करने व संचालन का दावा की जा रहा है।