रायसेन के सरकारी विभागों पर 7.50 करोड़ के बिजली के बिल बकाया

11/13/2019 4:47:20 PM

भोपाल (इजहार हसन खान): मध्यप्रदेश में किसान कर्ज माफी और बिजली के बिलों की माफी और बड़े हुए बिजली के बिलों में कटौती एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है और सरकार उसका समाधान करने में लगी हुई है। जहां आम नागरिकों के अतिरिक्त इंडस्ट्रीज,फैक्ट्रियां आदि का भी काफी बिजली का बिल बकाया है। वहीं सरकारी विभागों के नाम बिजली बकायदारों में जुड़ गए हैं।बिजली बिल भी थोड़े बहुत नहीं लाखों करोड़ों में हैं। यह खुलासा रायसेन जिले के एक व्हाट्सएप्प ग्रुप पर सरकारी विभागों के बकायदारों की सूची वायरल होने के बाद हुआ। रायसेन में 13 सरकारी विभागों पर 7.50 करोड़ से ज्यादा का बिजली का बिल बकाया है।

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मंगलवार को रायसेन के एक प्रतिष्ठित व्हाट्सएप ग्रुप पर जिले के एक बड़े बिजली अधिकारी ने एक सूची पोस्ट की जिसमें रायसेन जिले के 13 विभागों पर करोड़ों रुपए बकाया बताया गया था। वहीं इस ग्रुप पर जुड़े कलेक्टर और एडिशनल एसपी ने सूची देखी तो दोनों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। जहां कलेक्टर उमा शंकर भार्गव ने इस सूची को फर्जी बताया तो वहीं एडिश्नल एसपी अवधेश प्रताप सिंह ने लिखा कि पिछले अधिकारी ने जितने पुराने बिल दिए थे, वे सारे भुगतान कर दिए गए थे। ये भुगतान हमारी जेब से नहीं होता कि जब चाहे जितना चाहे एकसाथ भुगतान कर दें। शासकीय विभाग के किसी भी भुगतान का ऑडिट भी होता है।

रायसेन में  बीएसएनएल, एग्रीकल्चर, पीडब्ल्यूडी, इरीगेशन, फॉरेस्ट, हेल्थ, पीएचई, रेलवेज, रेवेन्यू, ट्राईबल वेलफेयर, ग्राम पंचायत, पुलिस और सीएमओ नगरपालिका पर कुल मिलकर 7.50 करोड़ से ज्यादा का बकाया हैं। जिनमें से सबसे ज्यादा ग्राम पंचायत पर हैं जो 2 करोड़ 25 लाख 54 हजार 371 रुपए हैं। वहीं सबसे कम इरीगेशन डिपार्टमेंट पर है जो 2 लाख 23 हजार 331, इसके अतिरिक्त सीएमओ नगरपालिका पर 2 करोड़ 15 लाख 92 हजार 501 है तो वहीं पुलिस पर 1 करोड़ 82 लाख 22 हजार 16 बकाया है, जबकि राजस्व पर 7 लाख 97 हजार बकाया है।

वहीं मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री  प्रियव्रत सिंह पिछले दिनों जब ग्वालियर दौरे पर थे तो इस दौरान उनसे बिजली बिल वसूली की बात पर पूछा गया था की बकाया मामलों में पुलिस के थाने और सरकारी बंगले भी हैं उन पर भी बकाया है तो इस पर मध्य प्रदेश ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि देखिए सबसे पहली जिम्मेदारी जनता से पैसे मांगने से पहले अपनी खुद के गिरेबान में झांकने की होती है और कोई होगा तो मैं स्वयं लेने जाऊंगा। अब ऐसे में मध्य प्रदेश के सिर्फ एक जिले में 7. 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है तो बाकी के जिलों का क्या हाल होगा। वहीं अब मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री इस मामले में क्या संज्ञान लेते हैं यह देखने वाली बात होगी।


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Edited By

Jagdev Singh

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