कुत्ते के काटने के बाद अधूरी वैक्सीन, एमवाय अस्पताल में तोड़ी युवक ने आखिरी सांस
Monday, Sep 08, 2025-04:53 PM (IST)

इंदौर। (सचिन बहरानी): मध्य प्रदेश के इंदौर के जूनी इंदौर क्षेत्र में कुत्ते के काटने से एक व्यक्ति की रेबीज़ होने के कारण मौत हो गई। दरअसल, उसे एंटी-रेबीज़ वैक्सीन की 5 डोज लगवाना थीं, लेकिन उसने इलाज अधूरा छोड़ दिया। यह घटना शहर के एमवाय अस्पताल की है, जहाँ इलाज के दौरान उसकी हालत बिगड़ती चली गई और अंततः उसकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, जूनी इंदौर इलाके के रहने वाले गोविंद नामक व्यक्ति को कुत्ते ने काट लिया था। इसके बाद उसने सरकारी अस्पताल में जाकर एंटी-रेबीज़ इंजेक्शन लगवाना शुरू किया। पाँच में से तीन इंजेक्शन लगवाने के बाद उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई। उसे हाइड्रोफोबिया (पानी से डर) और एयरोफोबिया (हवा से डर) जैसी दिक्कतें होने लगीं। बताया जा रहा है कि रेबीज़ के लक्षण दिखने के बाद मरीज की मानसिक हालत पूरी तरह खराब हो गई थी। वह पागलों जैसी हरकतें करने लगा था और बिस्तर पर उछल-कूद कर रहा था। हालत गंभीर होने पर उसे आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा, जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
यह घटना दर्शाती है कि रेबीज़ के इलाज में न केवल टीकाकरण, बल्कि मरीज की स्थिति पर नियमित फॉलो-अप और निगरानी भी बेहद जरूरी है। इस मामले में स्पष्ट है कि व्यक्ति को पूरी डोज नहीं मिल पाई और उसने स्वयं भी व्यवस्थित तरीके से इलाज नहीं कराया।
सुप्रीम कोर्ट ने रेबीज़ के मामलों में अस्पतालों को मरीजों का उचित फॉलो-अप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत मरीज को न सिर्फ सभी पाँच इंजेक्शन लगवाने चाहिए, बल्कि उसकी स्वास्थ्य स्थिति पर भी कड़ी नज़र रखी जानी चाहिए। दुखद है कि इस मामले में इन निर्देशों का पालन नहीं हुआ। यदि अस्पताल प्रशासन ने मरीज की पहली तीन डोज के बाद दिख रहे लक्षणों को गंभीरता से लिया होता और तुरंत उचित कार्रवाई की होती, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।
यह लापरवाही उन लोगों के लिए चेतावनी है जो सोचते हैं कि इंजेक्शन की कुछ डोज लेने के बाद वे पूरी तरह सुरक्षित हो जाते हैं। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को भी उजागर करती है, जहाँ नियमों और निर्देशों का पालन न होने से मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।