BBA के छात्रों ने हिंदी में लिखे Answer तो पेपर में मिले Zero marks, DAVV तक पहुंचा मामला

5/25/2022 12:35:06 PM

इंदौर(गौरव कंछल): देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सामने बीबीए के छात्रों की अजीब समस्या सामने आई है। खास बात ये है कि बच्चों द्वारा हिंदी में लिखे पेपर और उत्तर पुस्तिकाओं को एग्जामिनर मान्य नहीं कर रहे और बच्चों को शून्य अंक दिए गए है। करीब 15 बच्चों ने इससे जुड़ी शिकायत डीएवीवी से की है। अब ये मामला परीक्षा कमेटी के सामने रखा गया है जिसमें निर्णय होगा कि बच्चों द्वारा हिंदी में लिखी उत्तर पुस्तिका मान्य होगी या नहीं।

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उच्च शिक्षा विभाग के अस्पष्ट नियमों के कारण बीबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्स के बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बीबीए में हिंदी उद्यमिता विषय का क्या होगा।  दरअसल बीबीए थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में बच्चों ने प्रश्नों के उत्तर हिंदी में लिख दिए। लेकिन एग्जामिनर ने इन उत्तरों को कट करते हुए बच्चों को शून्य अंक दिए। विश्वविद्यालय के अनुसार बीबीए प्रोफेशनल कोर्स है ऐसे में माना जाता है कि बच्चे अंग्रेजी में ही पेपर लिखेंगे। ऐसे में 12 से 15 बच्चे अब शिकायत लेकर डीएवीवी पहुंचे। बच्चों की परेशानी देखते हुए विश्वविद्यालय ने ये मामला परीक्षा कमेटी को सौंपा है। विश्वविद्यालय के मुताबिक इसी तरह का मामला करीब 2 साल पहले भी आया था। तब एमबीए के स्टूडेंट्स के साथ भी ऐसा ही मामला हुआ था। तब परीक्षा कमेटी ने बच्चों के पक्ष में निर्णय देते हुए उन्हें उत्तर के अनुसार अंक दिलवाए थे। इस बार परीक्षा कमेटी क्या निर्णय लेगी ये देखना होगा।

फिलहाल ये बेहद पेचीदा मामला है। बच्चों की सारी उम्मीदें परीक्षा कमेटी के निर्णय पर हैं। हालांकि ये सवाल भी उठ रहा है कि देश में राष्ट्रभाषा मे दी परीक्षा को ही मान्य नहीं किया जा रहा।


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meena

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