भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री से की जिला प्रशासन की शिकायत, की कार्रवाई की मांग

Saturday, Oct 04, 2025-02:59 PM (IST)

गुना (मिस्बाह नूर) : कुंभराज वृहद सिंचाई (पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक) परियोजना को लेकर चांचौड़ा विधायक प्रियंका पेंची ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र लिखा है। उन्होंने दावा किया है कि फिलहाल इस परियोजना के तहत कुंभराज के घाटाखेड़ी में बांध निर्माण पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। विधायक ने कलेक्टर ऑफिस गुना और पीआरे गुना के आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों से परियोजना के संदर्भ में भ्रामक जानकारी साझा किए जाने का आरोप लगाया है।

विधायक पेंची द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के अनुसार 3 अक्टूबर को बीनागंज में हुई संवाद/समीक्षा बैठक के बाद, पीआरओ गुना के फेसबुक पेज पर साझा की गई जानकारी में ग्राम घटाखेड़ी को बिना किसी प्रामाणिक दस्तावेज के डैम के लिए उपयुक्त स्थान बताया गया है। विधायक का कहना है कि अभी परियोजना के लिए कोई भी स्थान अंतिम रूप से चयनित किए जाने की कार्यवाही नहीं हुई है।

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भ्रम और अशांति का आरोप

विधायक पेंची ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि यह डाली गई जानकारी त्रिपक्षीय एमओए (समझौता ज्ञापन) के उल्लंघन की श्रेणी में आती है और इससे क्षेत्र में भ्रम एवं अशांति का वातावरण बन गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही कर जवाबदेही तय की जाए।

विधायक प्रियंका पेंची ने मुख्यमंत्री से पूर्व निर्धारित स्थान पर, एमओए में दर्शित केएमजे-1 एवं केएमजे-2 (दो अलग-अलग बांध, जिनकी चर्चा हो रही है) के रूप में ही, डैम के निर्माण को स्वीकृति देने का पुन: निवेदन किया है।

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पीआरओ गुना की पोस्ट: घटाखेड़ी को 'सर्वाधिक उपयुक्त' बताया

वहीं दूसरी ओर, कलेक्टर ऑफिस गुना और पीआरओ गुना के सोशल मीडिया पेजों पर साझा की गई जानकारी के अनुसार, कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना पर जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की उपस्थिति में चांचौड़ा-बीनागंज के शासकीय महाविद्यालय में संवाद एवं समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इसमें बताया गया कि जल संसाधन विभाग के विकास राजोरिया ने संशोधित पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना की रूपरेखा प्रस्तुत की थी। इस परियोजना से 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी और लगभग 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। कुल 438 ग्राम लाभान्वित होंगे। प्रस्तुतीकरण के दौरान बड़ागांव, दीतलबाड़ा, घटाखेड़ी सहित अन्य वैकल्पिक प्रस्तावों की तुलनात्मक जानकारी दी गई। तकनीकी मापदंडों और विस्तृत सर्वेक्षण के आधार पर घटाखेड़ी गांव को डैम निर्माण के लिए सर्वाधिक उपयुक्त स्थान माना गया। विशेषज्ञों ने एक्सेस सर्वे, सबमर्ज सर्वे और अन्य तकनीकी जांच की जानकारी भी नक्शों और आंकड़ों के साथ साझा की।

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प्रभावित व्यक्तियों को 3 हजार वर्ग फुट का प्लॉट देने की बात

प्रशासन द्वारा सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट के मुताबिक प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा एवं पुनर्वास पैकेज दिया जाएगा। कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार कृषि भूमि का दोगुना मूल्य दिया जाएगा और प्रत्येक वयस्क प्रभावित व्यक्ति को 3,000 वर्ग फुट का विकसित आवासीय प्लॉट उपलब्ध कराया जाएगा। प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने इसे क्षेत्र के लिए विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि सभी तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही परियोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है और ग्रामीणों के सुझावों को भी सरकार गंभीरता से ले रही है। अब विधायक प्रियंका पेंची ने इस कथित 'चयन' की घोषणा को ही विवादित बताया है, क्योंकि उनके अनुसार अंतिम चयन की कार्यवाही अभी पूरी नहीं हुई है।


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Content Writer

meena

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